Nargis Fakhri on Mental Health: काफी लंबे समय से पर्दे से दूर रहने वालीं बॉलीवुड एक्‍ट्रेस नरगिस फाखरी (Nargis Fakhri) फिर से सक्रिय हो गई हैं. रणबीर कपूर के साथ फिल्‍म ‘रॉकस्‍टार’ से बॉलीवुड में कदम रखने वालीं नरगिस ने ‘मद्रास कैफे’, ‘मैं तेरा हीरो’ जैसी कई फिल्‍मों में काम करने के बाद पर्दे से दूरी बना ली थी. हालांकि वह अपने ग्‍लैमरस लुक को लेकर सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं और हाल ही में कान्‍स फिल्‍म फेस्टिवल में भी हिस्‍सा लेती नजर आईं. नरगिस इस वक्‍त अपने एक इंटरव्‍यू को लेकर सुर्खियों में हैं. वह मेंटल हेल्‍थ व निगेटिव थिंकिंग से निपटने के तरीकों पर खुलकर बातें करती नजर आई हैं. साथ ही उन्‍होंने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ीं बातें भी चाहने वालों से शेयर की हैं.

मनोविज्ञान में है काफी दिलचस्‍पी
रगिस ने मेंटल हेल्‍थ का ख्‍याल कैसे रखें और निगेटिविटी से कैसें दूर रहें, इस पर अपनी राय रखी. पिंकविला को दिए इंटरव्‍यू में नरगिस ने बताया कि उन्‍हें 15 साल की उम्र से सेल्‍फ-हेल्‍प वालीं किताबें पढ़ना बहुत पसंद रहा है. मनोविज्ञान में उनकी काफी दिलचस्‍पी है. नरगिस ने कहा कि वह ऐसी इंसान हैं, जो हमेशा बेहतर चाहती हैं. उन्‍होंने दूसरे लोगों से बातें कर और रिश्‍तों के माध्‍यम से चाहे वो कोई पार्टनर, परिवार या दोस्‍त हों, इसे महसूस किया है.

आत्‍मनिरीक्षण में करती हैं यकीन
रगिस ने आगे कहा कि अगर उन्‍हें दूसरे लोगों के बारे में कुछ चीजें पसंद नहीं आती हैं तो वह हमेशा खुद को देखती हैं और कहती हैं, ‘ मुझे यह पसंद क्यों नहीं है? क्या मेरे भीतर कुछ है?’ नरगिस के मुताबिक, उन्‍हें लगता है कि वह एक बहुत ही आत्मनिरीक्षण करने वाली इंसान हैं. वह हमेशा अपने बारे में सोचने के लिए समय निकालती हैं, ताकि वह खुद को बेहतर बना सकें. 

खुद को कभी नहीं मानतींं दोषी
नरगिस ने आगे कहा कि वह जो भी करती हैं उसकी हमेशा जिम्‍मेदारी लेती हैं. उन्‍होंने कहा कि वह किसी चीज के लिए खुद को दोष नहीं देतीं या कोई गिल्‍टी फील नहीं करतीं, क्‍योंकि उन्‍हें पता है कि उनके पास अपने विवेक के बलबुते पूरे जीवन को बदलने की शक्ति है. नरगिस का कहना है कि वह हमेशा लोगों को अपने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की जांच कराने की सलाह देती हैं, ताकि उन्‍हें पता चल सके कि वो किस तरह की निगेटिविटी से घिरे हुए हैं. नरगिस की मानें तो लोग समय और अभ्‍यास के साथ इसमें बेहतर हो जाते हैं. नरगिस ने कहा कि जब आप दूसरों के बारे निगेटिव थिंकिंग रखते हैं तो पहले अपने आप को परखें क्‍योंकि यह आपकी अपनी आंतरिक असुरक्षा और निगेटिविटी का रिफ्लेक्‍शन है.


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