शराब पीकर सिगरेट से खुद को जलाते, रातभर रोते, नरगिस की याद में बर्बाद हो गए थे राज कपूर
Nargis and Raj Kapoor Love Story: 60 के दशक में राज कपूर और नरगिस की लव स्टोरी खूब चर्चा में रही. इन्होंने अपना रिलेशनशिप ओपेन किया था लेकिन राज कपूर के शादीशुदा होने के कारण वो दास्तान अधूरी रह गई.
Nargis and Raj Kapoor Love Story: फिल्मों की शूटिंग के दौरान एक्टर और एक्ट्रेसेस के बीच अफेयर्स के किस्से आम हैं. लेकिन उन अफवाहों में कुछ ऐसी लव स्टोरीज बाहर निकलकर आती हैं जो सच्ची होती हैं. कुछ की जोड़ी हमेशा के लिए एक हो जाती है तो कई साथ होकर भी बिछड़ जाते हैं. उनमें से एक थी राज कपूर और नरगिस की जोड़ी जो 40 और 50 के दशक में खूब सुर्खियों में रही लेकिन 60 का दशक आते-आते खत्म हो गई.
राज कपूर किसी फिल्म की शूटिंग के लिए नरगिस की मां से मिलने उनके घर गए, जहां उन्होंने पहली बार नरगिस को देखा था. राज कपूर ने अपनी आने वाली फिल्म आग में नरगिस को साइन कर लिया. वहां से उनके बीच की कहानी शुरू हुई जिसका दर्दनाक अंत हुआ. चलिए आपको राज कपूर और नरगिस की अधूरी प्रेम कहानी की दास्तां सुनाते हैं.
नरगिस और राज कपूर की लव स्टोरी
शादीशुदा राज कपूर पहली ही नजर में नरगिस पर दिल हार बैठे थे. उन्होंने नरगिस को फिल्म आग (1948) में इस वजह से ही लिया था जिससे उनकी पहचान आगे बढ़ सके. ये फिल्म तो खास नहीं चली लेकिन अगली फिल्म बरसात (1949) ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया. नरगिस और राज कपूर की जोड़ी हिट हुई. साथ ही इनकी प्रेम कहानी का भी आगाज हुआ. राज कपूर शादीशुदा हैं ये जानते हुए भी नरगिस ने उनसे प्यार किया और निभाने की भी पूरी कोशिश की.
उस दौर में नरगिस और राज कपूर एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे. मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक, जब राज कपूर के घर में नरगिस के बारे में पता चला तो हंगामा हुआ लेकिन राज कपूर ने अपने पिता से वादा किया कि वो अपनी पत्नी कृष्णा को कभी नहीं छोड़ेंगे लेकिन नरगिस से उनका प्यार सच्चा है. उधर नरगिस के भाई अख्तर हुसैन ने भी इस रिश्ते से आपत्ति जताई क्योंकि राज कपूर शादीशिदा थे लेकिन नरगिस भी किसी की नहीं मानीं.
नरगिस राज कपूर के प्यार के किस्से उस दौर में ओपेन हो चुका था और कुछ समय के बाद वो दोनों लिव इन में भी रहने लगे थे. 'द कपूर्स' के मुताबिक, राज कपूर की वाइफ कृष्णा ने कहा था कि वो रात-रातभर राज का इंतजार करती थीं लेकिन वो एक रात छोड़ अगले दिन घर आते वो भी शराब के नशे में और आते ही सो जाते थे..
हर बात से बेखबर नरगिस और राज कपूर अपने रिश्ते को पूरा-पूरा समय देने लगे. फिल्में भी दोनों साथ करते साल 1948 में राज कपूर ने आरके स्टूडियो बनाया जिसका लोगो राज और नरगिस की फिल्म आग का एक पोज था. आरके स्टूडियो को नरगिस भी अपना मानती थीं और उनकी कमाई का हिस्सा यहां बनने वाली फिल्मों में लगने लगा था. नरगिस और राज कपूर एक-दूसरे के हर सुख-दुख में साथ देने लगे थे.
नरगिस और राज कपूर की फिल्में
साल 1950 में राज कपूर ने फैसला लिया था कि नरगिस अब सिर्फ आरके स्टूडियो की फिल्मों में ही काम करेंगी. शुरुआत में तो नरगिस ने इस बात को खुशी-खुशी एक्सेप्ट किया लेकिन बाद में उन्हें कुछ पछतावे हुए. हालांकि नरगिस और राज कपूर की जोड़ी में 'आवारा', 'बरसात', 'आग', 'आह', 'चोरी-चोरी', 'जान पहचान', 'अनहोनी', 'बेवफा', 'अंबर', 'प्यार की बातें', 'श्री 420' और उनकी जोड़ी की आखिरी फिल्म 'जागते रहो' थी.
नरगिस और राज कपूर का रिश्ता क्यों टूटा?
राज कपूर के प्यार में नरगिस ने उनके हर फैसले को माना लेकिन उन्होंने सिर्फ आरके स्टूडियो में काम करने के फैसले पर अफसोस जताया. काम के नाम पर उनके पास सिर्फ आरके स्टूडियो की फिल्म श्री 420 ही थी. साल 1954 में राज कपूर और नरगिस एक साथ सोवियत संघ गए जिनके साथ दिलीप कुमार और देव आनंद जैसे कलाकार भी थे. उस दौरान पहली बार नरगिस को एहसास हुआ कि उन्होंने कुछ गलतियां कर दी हैं.
सिमी ग्रेवाल को दिए एक इंटरव्यू में नरगिस ने कहा था, 'सोवियत संघ में जब मेरा वेलकम राज कपूर के साथ वैसा नहीं हुआ जैसा होना चाहिए था तब वो बात मुझे खटकी.' दरअसल, नरगिस राज कपूर के साथ एक रिश्ता चाहती थीं लेकिन राज कपूर उन्हें इंतजार करने को कहते थे. राज कपूर के साथ ऐसी जिंदगी से नरगिस थक गई थीं और अपना घर, पति, बच्चा चाहती थीं जो उन्हें राज कपूर के साथ मुमकिन होता नहीं दिखा.
वापस आने के बाद से नरगिस खोई-खोई और परेशान रहने लगीं. उन्होंने किसी तरह श्री 420 की शूटिंग पूरी की लेकिन उसके बाद अपने भाई से कहकर दूसरे बैनर में फिल्में ढूंढने को कहा. नरगिस को फिल्म मदर इंडिया मिल गई और उन्होंने राज कपूर को बिना बताए साइन कर ली. इस पर राज कपूर काफी नाराज हुए और उनके बीच अनबन होने लगी. फिल्म मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान एक हादसे में सुनील दत्त ने नरगिस की जान बचाई और उनके दिल में अपनी जगह बनाई.
उसी बीच नरगिस को सुनील दत्त ने प्रपोज किया जिसे उन्होंने एक्सेप्ट कर लिया. सिमी ग्रेवाल को दिए इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा था कि उन्हें समाज में एक इज्जतदार जिंदगी चाहिए थी जो राज कपूर से नहीं मिल रही थी. वो राज कपूर से सच्चा प्यार करती थीं लेकिन उस प्यार में सिर्फ दर्द था तो उन्हें आगे बढ़ना पड़ा. वहीं राज कपूर कभी नरगिस को भुला ही नहीं पाए और साल 1974 में उनके जितने भी इंटरव्यू हुए उन्होंने हमेशा नरगिस का जिक्र किया और कहा कि अगर वो चाहती तो सब ठीक हो सकता था.
जब नगरिस ने की सुनील दत्त से शादी
14 फरवरी 1957 को फिल्म मदर इंडिया रिलीज हुई और इस फिल्म ने धमाल मचा दिया. इस फिल्म ने ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब सुर्खियां बटोरी. कुछ महीनों के बाद इस फिल्म के संबंध में बर्लिन में एक इवेंट रखा गया जहां नरगिस पहुंची थीं. राज कपूर को जब पता चला तो वो वहां गए और नरगिस से मिले. नरगिस ने उन्हें इंतजार करने को कहा और फिर साथ में डिनर किया.
मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक, राज कपूर ने कहा था कि वो दोनों साथ में बैठकर डिनर किए, बातें कीं लेकिन बातों में पहले जैसी बात नहीं थी. नरगिस ने उन्हें बता दिया था कि वो आगे बढ़ चुकी हैं और राज भी अपनी लाइफ अच्छे से बिताएं. इसके बाद दोनों एयरपोर्ट तक साथ आए और फिर राज वापस मुंबई आ गए, वो उन दोनों की आखिरी मुलाकात थी. 11 मार्च 1958 को नरगिस ने सुनील दत्त के साथ शादी कर ली.
'द कपूर्स' के मुताबिक, राज कपूर की वाइफ कृष्णा ने बताया था कि नरगिस की शादी की खबर जब राज को मिली तो वो बाथरूम के टब में फूट-फूटकर रोए थे. सिगरेट से खुद को जलाकर देखते कि कहीं वो सपना तो नहीं देख रहे. राज गहरे डिप्रेशन में चले गए थे और फिल्मों से भी कुछ समय का ब्रेक लिया. हालांकि, बाद में सब ठीक हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 मई 1981 को जब नरगिस की डेथ हुई तब राज कपूर ने दूर से उन्हें अंतिम विदाई दी.
यह भी पढ़ें: मां नरगिस को याद कर निकले संजय दत्त के आंसू, पुरानी तस्वीरों पर लिखा- आपकी मौजूदगी हमेशा मैं महसूस करता हूं!