Naseeruddin Shah Unknown Facts: 20 जुलाई 1950 के दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में जन्मे नसीरुद्दीन शाह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. हालांकि, यह नाम कमाने में उन्होंने जितना संघर्ष किया, वह काफी कम लोग कर पाते हैं. बर्थडे स्पेशल में हम आपको उनकी जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं. 


परिवार की वजह से पाकिस्तान नहीं गए नसीरुद्दीन


आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अपने बयानों से बवाल मचाने में माहिर नसीरुद्दीन अपने परिवार की वजह से हिंदुस्तान में रह गए. हुआ यूं था कि उनके पिता मोहम्मद शाह तहसीलदार थे. जब देश का बंटवारा हुआ तो पूरा परिवार पाकिस्तान जाने के लिए तैयार हो गया, लेकिन मोहम्मद शाह ने हिंदुस्तान छोड़ने से साफ इनकार कर दिया. नसीरुद्दीन की पढ़ाई पहले अजमेर के सेंट एन्सेल्म स्कूल में हुई, जिसके बाद उन्हें नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज भेजा गया. वहीं, ग्रैजुएशन उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से किया. 


पढ़ाई के दौरान परवान चढ़ा इश्क


आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि नसीरुद्दीन शाह ने अपना पहला निकाह महज 19 साल की उम्र में कर लिया था. उन्होंने 34 साल की पाकिस्तानी युवती परवीन को अपना शरीक-ए-हयात बनाया था, जो उनके साथ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी. निकाह के महज 10 महीने बाद ही परवीन ने बेटी हिबा को जन्म दिया. हालांकि, यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला और वह अपनी बेटी के साथ भारत छोड़कर चली गईं. इसके बाद नसीरुद्दीन शाह की जिंदगी में रत्ना पाठक ने कदम रखा. 


बगावत के बाद ही कर पाए एक्टिंग


बता दें कि नसीरुद्दीन के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा फिल्मों में काम करे, लेकिन अभिनय करने के शौकीन नसीर ने उनसे भी बगावत कर ली. उन्होंने एनएसडी में दाखिला लिया और एक्टिंग के गुर सीखे. हालांकि, सामान्य कद-काठी के चलते उन्हें बार-बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. एक बार उनकी मुलाकात फिल्ममेकर श्याम बेनेगल से हुई और इसके बाद नसीरुद्दीन शाह के अभिनय की ट्रेन अपने सफर पर निकल पड़ी. 


बयानों से मचा चुके बवाल


नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अदाकारी से जितनी वाहवाही बटोरी, उससे ज्यादा सुर्खियां अपने बयानों से हासिल कीं. जब देश में सीएए-एनआरसी को लेकर विवाद चल रहा था, उस वक्त नसीरुद्दीन शाह ने कहा था कि मेरे पास कोई जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. मैं इस उम्र में बर्थ सर्टिफिकेट कहां से लाऊं? वहीं, एक बार तो उन्होंने मुगलों की तारीफ करके खुद को ट्रोल्स के निशाने पर पहुंचा दिया था. लव जिहाद को तमाशा बताने वाले उनके बयान पर भी काफी विवाद हुआ था. इसके अलावा उन्होंने हरिद्वार में हुई धर्म संसद के वक्त कहा था कि 20 करोड़ लोग यूं ही हार नहीं मान लेंगे. इस बयान को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी. साथ ही, बुलंदशहर हिंसा को लेकर दिए गए बयान पर भी वह काफी ट्रोल हुए थे.


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