नसीरुद्दीन शाह-रत्ना पाठक ने की इजराइल फिल्म फेस्टिवल रद्द करने की मांग, गाजा में हुई तबाही के चलते जताया विरोध
Israel Film Festival Mumbai: गाजा में हुई भीषण तबाही के बीच में मुंबई में इजराइल फिल्म फेस्टिल का आयोजन होने जा रहा है. इसी बीच नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक ने इसका विरोध जताया है.
Israel Film Festival Mumbai: पिछले साल अक्टूबर से चल रहे इजराइल हमास युद्ध में गाजा में तबाही में भयंकर माहौल है. इजराइल-हमास के महायुद्ध ने अकेले गाजा शहर में 40 हजार लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. यहां पिछले काफी वक्त से युद्ध विराम कराने की कोशिश नाकाम रही. हमास और इजराइल दोनों इसके लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. गाजा में हुए इस कत्लेआम से लोग काफी दुखी हैं. इसी बीच मुंबई में 21 और 22 अगस्त को इजराइल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा था, लेकिन नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक समेत तमाम सेलेब्स ने इसे रद्द करने की मांग की है.
इजराइल फिल्म फेस्टिवल को रद्द करने की मांग
मुंबई में इजरायल के कॉन्सोलेट जर्नल ने एनएफडीसी के सहयोग से 20 से 22 अगस्त के बीच पेडर रोड स्थित भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय म्यूजियम में महोत्सव का आयोजन किया जाना है. महोत्सव के उद्घाटन के दिन ऑस्कर में इजरायल की ऑफिशियल एंट्री ‘सेवन ब्लेसिंग्स’ भी दिखाई जानी है. लेकिन राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) से करीब 100 लोगों ने मांग की है कि मुंबई में आयोजित होने वाले इस फिल्म फेस्टिवल को रद्द किया जाए. एक ऑनलाइन याचिका में आरोप लगाया गया है कि गाजा में चल रहे युद्ध के बैकग्राउंड में स्क्रीनिंग का आयोजन हो रहा है.
नसीरुद्दीन शाह के साथ ये लोग भी रहे शामिल
फिल्म फेस्टिवल कैंसिल करने वालों की याचिकाकर्ताओं की याचिका में नसीरुद्दीन शाह, अभिनेता रत्ना शाह, फिल्म निर्माता आनंद पटवर्धन, स्वतंत्रता सेनानी डॉ. जीजी पारेख और कार्यकर्ता तुषार गांधी शामिल हैं. बयान में कहा गया है, 'एनएफडीसी (राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम) द्वारा यह स्क्रीनिंग शर्मनाक रूप से ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब पूरी दुनिया इजरायल के युद्ध, अपराधों, गाजा और पूरे फिलिस्तीन में चल रहे नरसंहार और नरसंहार की गवाह है.’
ऐसे वक्त पर फिल्म फेस्टिवल अनैतिक
बयान में आगे कहा गया है ‘राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम और भारतीय सिनेमा के नेशनल म्यूजियम के मैनेजमेंट को पता होना चाहिए कि भारत सरकार ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी है. इस प्रकार इंसान के इतिहास में इस समय एनएफडीसी और एनएमआईसी द्वारा इजरायली फिल्मों की स्क्रीनिंग करना पूरी तरह से अनैतिक और अविवेकपूर्णं है’.
यह भी पढ़ें: ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित कंटेस्टेंट बनेंगी KBC 16 की पहली करोड़पति? 14 प्रश्नों का जवाब देकर अब होगा 15वें सवाल से सामना