नसीरुद्दीन के समर्थन में आशुतोष राणा ने कहा- कोई कुछ कह रहा है तो सिर्फ सुने नहीं, सोचें भी
कुछ दिन पहले नसीरुद्दीन शाह ने देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें अपने बच्चों के लिए डर लगता है.
मुंबई: दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के मॉब लिंचिंग से जुड़े बयान पर अब अभिनेता आशुतोष राणा की प्रतिक्रिया सामने आई है. आशुतोष का कहना है कि हर किसी को बिना डरे अपने विचार साझा करने का हक होना चाहिए. साथ ही उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि अगर कोई कुछ कह रहा है तो हम सिर्फ सुने नहीं, बल्कि उस पर विचार भी करें.
आशुतोष राणा ने कहा, “हर किसी को हक होना चाहिए कि वो बिना किसी डर के अपने दोस्तों और अन्य लोगों के साथ अपने विचार साझा करे. अगर हमारा कोई भाई या कोई दोस्त कुछ कह रहा है तो हमें सिर्फ सुनना नहीं चाहिए बल्कि उनकी बातों पर विचार भी करना चाहिए.”
कुछ दिन पहले नसीरुद्दीन शाह ने देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें अपने बच्चों के लिए डर लगता है. नसीर ने बुलंदशहर की घटना का ज़िक्र करते हुए कहा था कि भारत में एक गाय की जान एक पुलिसवाले की जान से ज्यादा कीमती हो गई है.
इस बयान के बाद देशभर में काफी विवाद हुआ था और नसीरुद्दीन शाह की आलोचना की गई थी. हालांकि बाद में नसीरुद्दीन शाह ने अपने बयान पर सफाई भी पेश की और कहा कि ये देश उनका है और उन्हें यहां से कोई नहीं निकाल सकता.
नसीरुद्दीन शाह ने क्या कहा था? नसीरुद्दीन शाह के जिस बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, उसमें उन्होंने ये बातें कहीं थीं. "मुझे डर लगता है कि किसी दिन गुस्साई भीड़ मेरे बच्चों को घेर सकती है और पूछ सकती है, 'तुम हिंदू हो या मुसलमान? इस पर मेरे बच्चों के पास कोई जवाब नहीं होगा." बुलंदशहर हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि आज के भारत में एक गाय की जान पुलिस वाले से ज़्यादा कीमती है.
नसीर ने अपने बच्चों को किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं देने का फैसला किया. नसीरुद्दीन ने कहा कि भारतीय समाज में एक तरह का ज़हर फैल गया है और इस 'जिन्न' को वापस से बोतल में बंद करना बेहद मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों को लेकर ऐसा भाव फैला है कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.