मुंबई: मॉब लिंचिंग पर दिए नसीरुद्दीन शाह के बयान के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि वो पीएम नरेंद्र मोदी को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों से कैसा व्यवहार किया जाता है. अब इमरान खान के इस बयान पर नसीरुद्दीन शाह ने उन्हें करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि जिन मामलों से उनका लेना देना नहीं है, उस पर बयान देने के बजाय वो अपने मुल्क पर ध्यान दें.


नसीरुद्दीन शाह ने द संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि इमरान को उन मामलों पर नहीं बोलना चाहिए जिससे उनका कोई लेना देना नहीं है, बल्कि उन्हें अपने मुल्क पर ध्यान देना चाहिए. हमारे पास 70 सालों से लोकतंत्र है. हमे मालूम है कि अपना खयाल कैसे रखना है.”


इमरान खान ने क्या कहा था ?
नसीरुद्दीन शाह के बयान के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, ''हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं. भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है.''


इमरान खान यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि यदि कमजोर को न्याय नहीं दिया गया तो इससे विद्रोह ही उत्पन्न होगा. अपनी बात को साबित करने के लिए इमरान खान ने उदाहरण दिया कि पूर्वी पाकिस्तान के लोगों को उनके अधिकार नहीं दिए गए जो कि बांग्लादेश निर्माण के पीछे मुख्य कारण था.


नसीरुद्दीन शाह ने क्या कहा था?
नसीरुद्दीन शाह के जिस बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ, उसमें उन्होंने ये बातें कहीं थीं. "मुझे डर लगता है कि किसी दिन गुस्साई भीड़ मेरे बच्चों को घेर सकती है और पूछ सकती है, 'तुम हिंदू हो या मुसलमान? इस पर मेरे बच्चों के पास कोई जवाब नहीं होगा." बुलंदशहर हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि आज के भारत में एक गाय की जान पुलिस वाले से ज़्यादा कीमती है.


नसीर ने अपने बच्चों को किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं देने का फैसला किया. नसीरुद्दीन ने कहा कि भारतीय समाज में एक तरह का ज़हर फैल गया है और इस 'जिन्न' को वापस से बोतल में बंद करना बेहद मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों को लेकर ऐसा भाव फैला है कि इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.