नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता अक्षय खन्ना ने अपने दिवंगत पिता विनोद खन्ना को मिले मरणोप्रांत दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड को ग्रहण किया. बता दें कि दिल्ली के विज्ञान भवन में आज 65वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह का आयोजन हुआ. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विनोद खन्ना को मरणोप्रांत दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा. पिता को मिले इस सम्मान से खुश अक्षय खन्ना ने कहा कि यह उनके परिवार के लिए खुशी और गम दोनों का पल है.
अक्षय खन्ना ने कहा, ‘‘हम एक परिवार के रूप में बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. यह हमारे लिए खुशी और गम दोनों का पल है. काश मेरे पिता यह पुरस्कार लेने के लिए यहां होते. मुझे उनकी कमी खल रही है. यह हमारे लिए जज्बातों से भरा दिन है.’’
गौरतलब है कि 65वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स से पहले विवाद भी देखने को मिला. करीब 70 कलाकारों ने इस बात का विरोध किया कि इस बार राष्ट्रपति के हाथों सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों को ही अवॉर्ड दिया जाएगा और बाकि कलाकारों को सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति के हाथों पुरस्कार मिलेगा.
नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में अक्षय खन्ना अपनी सौतेली मां कविता दफ्तरी के साथ आए थे. आपको बता दें कि विनोद खन्ना का पिछले साल 27 अप्रैल को निधन हो गया था. वह कैंसर से पीड़ित थे. 1968 में आई फिल्म ‘मन का मीत’ से करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता की आखिरी फिल्म शाहरुख खान स्टारर ‘दिलवाले’ थी.
विनोद खन्ना राजनीति में भी सक्रिय थे और चार बार लोकसभा चुनाव जीते थे. वह केंद्रीय मंत्री भी रहे. फिल्मी करियर की शुरुआत नाकारात्मक भूमिकाओं से करने के बाद विनोद खन्ना हिंदी फिल्मों में नायक की भूमिकाओं में नजर आने लगे. नायक के रूप में उनकी पहली फिल्म ‘हम तुम और वो’ थी. उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘ऐलान’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘मेरे अपने’, ‘परवरिश’, ‘ज़मीर’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘हेराफेरी’, ‘खून पसीना’ जैसी कई फिल्में शामिल हैं.