नई दिल्ली: फिल्मों में एक से एक अलग किरदार को पर्दे पर उकेर चुके बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में उस किरदार के बारे में बताया है जिसे वो पर्दे पर जीना चाहते है. नवाजुद्दीन सिद्दकी ने बताया है कि वो चाहते हैं उन्हें मुगल-ए-आजम में दिलीप कुमार वाला किरदार निभाने के लिए मिल जाए. नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा, ''मेरे व्यक्तित्व को बहुत कम कर के आंका जाता है और माना जाता है कि मैं गैंगस्टर के रोल ही कर सकता हूं, लेकिन मैं ऐसे मुगल-ए-आजम में दिलीप कुमार वाला किरदार भी बखूबी निभा सकता हूं.''
जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल में लेखक सआदत हसन मंटों पर आधारित एक सत्र में नवाज ने कहा, ''मंटो बहुत सच्चे इंसान थे, लेकिन मैं बहुत झूठ बोलता हूं, इसलिए फिल्म करने से पहले मुझे तीन महीने तक मंटो को समझना पड़ा. जब मैं मानसिक तौर पर तैयार हो गया तब हमने शूटिंग शुरू की. अब शूटिंग खत्म होने के बाद मुझे मंटों को अपने में से निकालने में काफी मेहनत करनी पड़ रही है.''
सत्र के दौरान फिल्म की निर्देशक नंदिता दास भी मौजूद थीं. इस दौरान अपनी एक्टिंग और मंटो से अपने जुड़ाव के बारे में नवाज ने कहा, ''मैं मंटो जैसा तो नही हूं, लेकिन उनका एरोगेंस कुछ हद तक मुझमें है और उनकी तरह मैं भी कहना चाहता हूं कि यदि आपको मेरी एक्टिंग पसंद नहीं है तो कमी आप में ही है. उन्होंने कहा कि मैं स्टार और एक्टर दोनों रहना चाहता हूं. कमर्शियल फिल्में इसलिए करना चाहता हूं कि उनमें पैसा ज्यादा मिलता है और इस पैसे की बदौलत ही मैं मंटो जैसी फिल्में कर पाता हूं.''
इसके आगे नवाजुद्दीन ने कहा, ''मेरे लिए स्टार या एक्टर जैसा कोई भेद नहीं है. मेरे लिए कोई भी फिल्म या तो अच्छी होती है या बुरी होती है.'' उन्होंने बताया कि वे रामलीला देखते और ये ही करते हुए बड़े हुए है, इसलिए उन के मन में धर्म के आधार पर किसी से कोई भेदभाव नहीं है और वे चाहते हैं कि ऐसा किसी के मन में भी नहीं होना चाहिए.