मुम्बई: लॉकडाउन के इस माहौल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी मुम्बई से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बुढाना गांव पहुंच गये हैं. लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी को स्पेशल यात्रा पास लेकर मुम्बई से अपने पैतृक गांव जाने की आखिर क्या जरूरत पड़ गयी थी? एबीपी न्यूज़ को इसे लेकर खास जानकारी हाथ लगी है.
लेकिन पहले बता दें कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी 10 मई को मुम्बई से सड़क के रास्ते अपने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पड़ने वाले पैतृक गांव बुढाना के लिए रवाना हुए थे और वो 12 मई को वहां पहुंचे. उनकी इस यात्रा में उनकी मां मेहरुनिस्सा सिद्दीकी, उनके छोटे भाई फैजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पत्नी साथ में थे. वहां पहुंचने के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कोविड-19 टेस्ट लिया गया. 15 मई को उनके टेस्ट के नतीजे आए, जिसमें उन्हें कोरोना नेगेटिव पाया गया.
नियमों के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी को 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में रहने का निर्देश दिया है, जिसका वो पालन कर रहे हैं और उन्हें 25 मई तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा.
अब सवाल आता है कि आखिर नवाजुद्दीन ने मुम्बई से बुढाना तक की 1500 किलोमीटर से भी लम्बी दूरी की यह यात्रा क्यों तय की? इस सवाल पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी से जुड़े एक बेहद करीबी शख्स ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि उनकी मां मेहरुनिस्सा सिद्दीकी अपनी आंखों का इलाज कराने के लिए बुढाना से मुम्बई आयी हुईं थीं. इलाज कराने के बाद इससे पहले की वे वापस गांव लौट पातीं, देशभर में लॉकडाउन लागू हो गया और ऐसे में वो गांव वापस नहीं जा पाईं.
मां की तबीयत ठीक नहीं थी
विश्वस्त सूत्र ने एबीपी न्यूज़ को आगे बताया कि यहां रहते हुए नवाजुद्दीन की मां की बेचैनियां बढ़ रही थीं और उनका ब्लड प्रेशर भी काफी हाई हो रहा था. लॉकडाउन में मां की बिगड़ती तबीयत के चलते नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अक्सर गांव में ही रहनेवाली अपनी बीमार मां को गांव पहुंचाने का फैसला किया. नवाजुद्दीन ने मेडिकल केस का हवाला देकर मुम्बई पुलिस से ट्रैवल पास हासिल किया और अपनी मां और अपने करीबियों के साथ खुद ही गांव तक का सफर करने निश्चय किया.
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