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कमर्शियल और आर्ट फिल्मों में कोई फर्क नहीं: नवाजउद्दीन सिद्दीकी
मुंबई: अभिनेता नवाजउद्दीन का कहना है कि 'हरामखोर' जैसी फिल्मों ने उनके अंदर के कलाकार को जिंदा रखा है. उन्होंने इस फिल्म में काम करने के लिए महज एक रुपए मेहनताना लिया है.
नवाजउद्दीन ने कहा, "मेरे लिए अपने अंदर के कलाकार को जिंदा रखना बेहद जरूरी है. यह आपसे जुदा नहीं होना चाहिए. कभी-कभी ग्लैमर की चकाचौंध में इसकी अनदेखी कर दी जाती है. 'हरामखोर' जैसी फिल्मों के जरिए मैं अपने अंदर के कलाकार को जिंदा रखता हूं."
42 साल के नवाजुद्दीन बतौर अभिनेता व्यवसायिक और कला फिल्मों के बीच कोई फर्क नहीं करते हैं. फिल्म 'रमन राघव 2.0' के अभिनेता कहते हैं कि वह बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की कमाई और सफलता के बारे में चिंता नहीं करते हैं सिर्फ अपनी एक्टिंग पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
शाहरुख खान स्टारर फिल्म 'रईस' में भी नवाजउद्दीन नजर आएंगे. इसमें वह सख्त मिजाज पुलिसकर्मी की भूमिका निभा रहे हैं. राहुल ढोलकिया के निर्देशन में बन रही 'रईस' 25 जनवरी को रिलीज हो रही है.
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