कभी हीरो बनना नहीं चाहते थे नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नवाजुद्दीन ने कहा, "मैं ऐसे किरदार को नहीं मानता जो नकारात्मक या सकारात्मक हों, जैसे हीरो में कोई बुराई ही नहीं होती. ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जिसमें बुराई न हो."
नई दिल्ली: ज्यादातर फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि वह कभी हीरो बनना नहीं चाहते थे, क्योंकि कोई ऐसा व्यक्ति अस्तित्व में नहीं है, जिसमें बुराई न हो. नवाजुद्दीन ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "मैं ऐसे किरदार को नहीं मानता जो नकारात्मक या सकारात्मक हों, जैसे हीरो में कोई बुराई ही नहीं होती. ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जिसमें बुराई न हो."
उन्होंने कहा, "इसलिए, मुझे में कभी भी हीरो का किरदार निभाने की दिलचस्पी नहीं हुई. मैं नकारात्मक भूमिकाओं को प्राथमिकता देता हूं."
अभिनेता ने आगामी फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' और अन्य फिल्मों के बीच अंतर बताते हुए कहा कि इस फिल्म का नायक अन्य फिल्मों के नायकों जैसा नहीं है.
उन्होंने गर्व से कहा कि इस फिल्म में वह यूपी के जेम्स बॉन्ड की भूमिका में हैं.
बायोपिक 'मंटो' के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मेरे मन में बहुत से नायक हैं, जिन पर मैं एक फिल्म बनाना चाहता हूं, लेकिन यहां सिर्फ दो बायोपिक मेरी पसंदीदा हैं 'बैंडिट क्वीन' और 'गांधी'."
फिलहाल, उन्हें विश्वास है कि 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' फ्लॉप नहीं होगी.