नीरू बाजवा ने साल 1998 में आई देवानंद की फिल्म 'मैं सोलह बरस की' से हिंदी फिल्म जगत में शुरुआत की थी और अब वह पंजाबी फिल्म जगत का एक मशहूर चेहरा हैं. अभिनेत्री ने कहा कि बॉलीवुड में 'अश्लील अनुभव' से गुजरने के बाद उन्होंने बॉलीवुड में काम करना बंद कर दिया.


लेटेस्ट पंजाबी फिल्म 'शदा' में नीरू बाजवा ने दिलजीत दोसांझ के साथ काम किया है. फिलहाल बीते कुछ दिनों से वह फिल्म के प्रोमोशन में लगी हैं.


नीरू से पूछा गया कि उन्होंने बॉलीवुड में आगे अपनी किस्मत क्यों नहीं आजमाई? इस पर अभिनेत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "मैं बिना किसी का नाम लिए यह बताना चाहूंगी कि मैं हिंदी फिल्मों को लेकर होने वाले मीटिंग के दौरान बहुत ही अश्लील अनुभवों से गुजरी हूं. मुझसे कहा गया कि, 'यहां बने रहने के लिए आपको यह करना होगा', इससे मैं काफी हिल गई, बहुत असहज हुई."





'मेल करा दे रब्बा' और 'जिह्ने मेरा दिल लुटेया' जैसी फिल्मों में अभिनय से कई अवार्ड अपने नाम करने वाली अभिनेत्री ने आगे कहा, "मैं यह नहीं कह रही हूं कि इंडस्ट्री ऐसे ही काम करता है, लेकिन मैं उन अभागी अभिनेत्रियों में से हूं, जिन्हें ऐसे कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ा. उसके बाद से मैंने बॉलीवुड में अपनी किस्मत नहीं आजमाई और न ही कभी आजमाउंगी. मैं अपनी पंजाबी सिनेमा स्पेस में खुश हूं."





आपको बता दें कि 'सदा' फिल्म की कहानी पंजाब की एक लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शादी नहीं करना चाहती और इस फैसले के लिए समाज और उसका परिवार उसकी आलोचना करता है.


व्यक्तिगत तौर पर नीरू का मानना है कि वह समाज के शादी करने के टाइमलाइन को नहीं मानती हैं. चार वर्षीय बेटी की मां नीरू अपनी बेटी को भी आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं.