नई दिल्ली: बॉलीवुड के लिए ये साल विवादों से भरा रहा. संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर देशभर में खूब बवाल हुआ तो वहीं जब कंगना रनौत ने नेपोटिज्म पर खुलकर बोला तो पूरी इंडस्ट्री में बहस हुई. 'सेक्सी दुर्गा' से लेकर 'लिप्स्टिक अंडर माई बुर्का' तक फिल्मों को सर्टिफिकेट देने को लेकर भी बॉलीवुड लगातार सुर्खियों में रहा. यहां हम आपको बता रहे हैं बॉलीवुड के ऐसे ही पांच बडे विवादों के बारे में-
- पद्मावती- इस फिल्म को लेकर बवाल अब तक जारी है. डायरेक्टर संजय लीला भंसाली पर आरोप है कि उन्होंने इस फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की है. करणी सेना इस फिल्म का जमकर विरोध कर रही है. उनका कहना है कि फिल्म में पद्मावती और खिलजी के बीच आपत्तिजनक सीन फिल्माए गए हैं जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है. हालांकि भंसाली इन आरोपों को नकार चुके हैं. फिल्म में दीपिका पादुकोण पद्मवाती की भूमिका में हैं. इस फिल्म को लेकर विरोध इस कदर हुआ कि दीपिका को जान से मारने की धमकियां भी दी गईं. इस मुद्दे पर पूरा बॉलीवुड एक साथ भंसाली के साथ खड़ा रहा. इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा लेकिन इससे संबंधित याचिका को खारिज कर दिया गया. 'पद्मावती' इसी महीने एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी लेकिन विवादों के कारण इसे टाल दिया गया. अब सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में नाम बदलने सहित कुछ बदलाव करने के सुझाव दिए हैं जिसे मेकर्स ने मान लिया है. जल्द ही इस फिल्म की नई रिलीज डेट की घोषणा हो सकती है.
- अज़ान विवाद- इस साल अप्रैल में उस वक्त खूब बवाल मचा जब जाने माने गायक सोनू निगम ने अज़ान को लेकर अपनी आपत्ति जताई. सोनू निगम ने ट्वीट किया, ‘मैं मुस्लिम नहीं हूं लेकिन रोज सुबह मुझे अजान की आवाज से उठना पड़ता है.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘आखिर कब भारत से ये जबरन धार्मिक भावना थोपना खत्म होगा? वैसे जब मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था तब बिजली नहीं थी.’ सोनू निगम ने ये भी कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई मंदिर या गुरुद्वारा बिजली का इस्तेमाल उन लोगों को जगाने के लिए करते हैं जो उस धर्म का पालन नहीं करते. तो फिर ऐसा क्यों? गुंडागर्दी है बस.’
इस बयान बाद देशभर में खूब बहस हुई. बाद में सोनू निगम ने सफाई देेते हुए कहा, ''मैं मुस्लिम विरोधी नहीं हूं, बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है. मेरी राय यही है कि चाहें मंदिर हो, गुरूद्वारा हो या फिर मस्जिद हो वहां पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.'' इसके बाद सोनू निगम ने खुद ही अपना सिर मुंडवा लिया था. पढ़ें विस्तार से - नेपोटिज्म- इस साल की शुरूआत बॉलीवुड में नेपोटिज़्म की बहस के साथ हुई. कॉफी विद करन में हर साल बड़े सितारे आते हैं और कुछ सवाल के जवाब देकर चले जाते हैं लेकिन इस साल फरवरी महीने में जब कंगना रनौत इस शो में पहुंची और बेबाकी से अपनी बातें रखी तों खूब महीनों तक उन्हें लेकर बहस जारी रही. कंगना ने यहां कहा, ''अगर कभी मेरी बॉयोग्राफी बनी तो उसमें आप (करन जौहर) ऐसे मूवी माफिया का रोल करेंगे जो कि बाहरी लोगों के लिए 'असहिष्णु' है और 'भाई-भतीजावाद' का झंडा लेकर चलता है.''
इसके अलावा कंगना ने जब ऋतिक रौशन के साथ अपने रिलेशनशिप की बात की खुलेआम चर्चा की तो इस पर भी खूब विवाद हुआ. मामला कोर्ट तक पहुंच गया. बाद में फिल्म सिमरन के प्रमोशन के सिलसिले में कंगना जब 'आप की अदालत' में पहुंचीं तो अपने ऊपर लगे हर आरोप का जवाब दिया. ऋतिक रोशन से अफयेर, अपूर्वा असरानी के साथ क्रेडिट विवाद और जाने माने डायरेक्टर केतन मेहता के साथ स्क्रिप्ट विवाद, अवॉर्ड शो में होने वाली सेटिंग जैसे कई मुद्दों पर खुलकर बात की. विस्तार से पढ़ें - नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बायोग्राफी- अपने अभिनय से हर तरफ तारीफें बटोरने वाले अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी इस साल अपनी बायोग्राफी 'An Ordinary Life' को लेकर भारी विवादों में घिर गए. बायोग्राफी में नवाज ने एक महिला के साथ अपने यौन संबंध का जिक्र किया था. इसे लेकर नवाज को काफी आलोचनाएं भी झेलनी पड़ीं. मामला महिला आयोग तक पहुंचा और नवाज के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई. जिस महिला का नाम नवाज अपनी बायोग्राफी में सामने लेकर आए थे उसने ऐसी बातों से साफ इंकार कर दिया. हर रोज बढ़ते विवाद को देख नवाज ने माफी मांग ली और किताब को वापस लेने का फैसला किया.
हाल ही में हुए शेरों शायरी के एक फेस्ट जश्न-ए-रेख्ता में शामिल होने आए नवाज ने अपनी फिल्म 'मंटो' पर बातचीत के दौरान कहा कि ''आजकल सच बोलना भारी पड़ रहा है.'' उन्होंने आगे कहा कि ''थोड़ा बोलो ज्यादा नहीं.'' वे कहते हैं कि सच पर आधारित एक किताब लिखी जो लोगों को पसंद नहीं आई और उन्हें इसके लिए माफी मांगनी पड़ी. - लिप्स्टिक अंडर माई बुर्का- इस फिल्म की रिलीज से पहले भी खूब विवाद हुआ. सेंसर बोर्ड इस फिल्म को सर्टिफाई ही नहीं कर रह रहा था. सेंसेर बोर्ड इसलिए नाराज़ था क्योंकि यह 'महिला उन्मुखी फिल्म' थी. डायरेक्टर अलंकृता श्रीवास्तव से बोर्ड ने कहा कि फिल्म महिलाओं की सेक्स से जुड़ी इच्छाओं को दर्शाती है. फिल्म के सेक्स सीन्स पर भी सवाल उठाए गए थे और इसमें इस्तेमाल साउंड के कुछ हिस्सों को पोर्नोग्राफी के कैटगरी का बताया गया था. बोर्ड ने ये भी कहा कि इससे समाज के एक विशेष तबके की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं. इसे लेकर तब के सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी और फिल्म की डायरेक्टर अलंकृता में ठन गई थी.
अलंकृता ने इसे महिला अधिकारों पर हमला करार दिया और कहा कि दर्शकों तक इसे पहुंचाने के लिए वे कुछ भी करेंगी. आलम ये हुआ कि फिल्म को सर्टिफिकेट ना मिलने की स्थिति में इसे एफसीओटी (Film Certification Appellate Tribunal) के पास ले जाना पड़ा. पहले से 16 कट्स की मार झेलने वाली इस फिल्म में एफसीओटी ने चंद और कट्स लगाने को कहा. ट्रिब्यूनल के इस आदेश में ये बात भी शामिल थी कि इसके बाद फिल्म को 'ए' सर्टिफिकेट दे दिया जाए और इन कट्स के बाद फिल्म रिलीज़ हुई. इस फिल्म में समाज अलग-अलग हिस्सों से आने वाली एक जैसी चार महिलाओं की कहानी है जिसमें वो जिंदगी के जद्दोजहद से पार पाने की लड़ाई लड़ती नज़र आती हैं. इस फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना शाह पाठक, अहाना कुमरा और विक्रम मेस्सी मुख्य भूमिका में थे. 6 करोड़ के बजट में इस फिल्म ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 26 करोड़ से ज्यादा कमाई की.
इसके अलावा भी कई मुद्दों की वजह से बॉलीवुड सुर्खियों में रहा-
- फिल्म 'सेक्सी दुर्गा' और 'न्यूड' को जब सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 48वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) से बाहर कर दिया तो इस पर भी खूब बहस हुई. मामला यहां तक पहुंचा कि इंडियन पैनोरमा की जूरी के प्रमुख सुजॉय घोष ने इस्तीफा दे दिया.
- इस साल बॉलीवुड अभिनेता अभय देओल ने जब फेयरनेस क्रीम को लेकर शाहरुख खान और सोनम कपूर सहित कई बड़े सितारों पर निशाना साधा तब भी खबू बवाल हुआ.
- दंगल गर्ल फातिमा सना शेख ने इस साल जब GQ मैगजीन के लिए फोटोशूट कराया तो उन्हें ट्रॉल कर लिया गया.
- वहीं कुछ समय पहले ही पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान की रणबीर कपूर के साथ एक तस्वीर पर खूब बवाल हुआ. सोशल मीडिया पर उन्हें खूब ट्रॉल किया गया और कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया था कि वो सच्ची मुसलमान नहीं हैं. हालांकि रनबीर ने उसी समय कड़ा रवैया अपनाते हुए माहिरा का बचाव किया था. कुछ समय बाद माहिरा ने इस पर कहा, ''इस मामले पर बोलने का फैसला मैंने इसलिए लिया क्योंकि ये मेरे लिए बेहद निजी मामला था जिसे जबरन पब्लिक कर दिया गया था. किसी को भी तुफान से बाहर निकलने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और हर शख्स ऐसे वक्त में अपना सबसे बेहतर ही देना चाहता है.''