तिरुवनंतपुरम: मलयालम फिल्म 'सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया' में मुख्य भूमिका निभाने वाले युवा नाइजीरियाई अभिनेता सैमुएल एबियोला का कहना है कि उन्होंने नस्लीय भेदभाव का अनुभव किया है और तय मेहनताने का उन्हें भुगतान नहीं किया गया. यहां से अपने देश रवाना हो चुके 20 साल के अभिनेता ने अपने फेसबुक पेज पर यह खुलासा किया.
एबियोला ने लिखा, "वास्तव में सच्चाई यह है कि मैंने केरल के निर्माताओं द्वारा मेरे साथ किए गए नस्लीय भेदभाव का सामना किया.. मैं इससे पहले कुछ नहीं कहना चाहता था, क्योंकि मैं धैर्यवान बनने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब मैं बोलने के लिए तैयार हूं."
एबियोला ने कहा, "मैं यह अब इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मैं चुपचाप नहीं बैठ सकता और ऐसा किसी अन्य युवा असहाय अश्वेत कलाकार के साथ नहीं होने दे सकता. मेरा मानना है कि केरल में होने के दौरान मैं नस्लीय भेदभाव का शिकार था. यह हिंसक तरीके से या सीधे मेरे मुंह पर नहीं हुआ, लेकिन 'सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया' में मेरे किरदार के लिए निर्माताओं ने मुझे जितना मैं आमतौर पर कमाता हूं, उसके मुकाबले भारतीय कलाकारों से कम मेहनताना दिया, जो मेरे जितना आधा भी लोकप्रिय, अनुभवी या पारंगत नहीं हैं."
एबियोला ने अफ्रीका में कई बड़ी फिल्मों जैसे वाल्ट डिज्नी की 'डेसपरेट हाउसवाइव्स अफ्रीका', एम-नेट के 'टिंसेल' में काम किया है.
जकारिया मोहम्मद निर्देशित और समीर ताहिर निर्देशित 'सुदानी फ्रॉम नाइजीरिया' में एबियोला अभिनेता सौबिन शाहिर के साथ हैं और एक नाइजीरियाई फुटबॉल खिलाड़ी की कहानी बताते हैं जो मलप्पुरम में एक फुटबॉल क्लब में शामिल होता है.
फिल्म पिछले हफ्ते रिलीज हुई और यह सफल फिल्मों की कतार में शामिल होने की कगार पर है. एबियोला के बयान पर फिल्म यूनिट के सदस्यों की प्रतिक्रिया आनी अभी बाकी है.
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