Nikkhil Advani Unknown Facts: बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक निर्देशक हुए हैं, जिनकी कला ने इस सिनेमा जगत को कई बेहतरीन फिल्मों से नवाजा. कोई इतिहास को अपने नजरिए से निखारता है तो कोई कॉमेडी का फुल ऑन डोज देकर दर्शकों को ठहाके लगाने का मौका देता है. इतिहास...कॉमेडी..हॉरर..क्राइम जैसे जॉनर से अलग एक और मुद्दा भी है, जिसे पर्दे पर उतारने और निखारने के लिए पूरी शिद्दत से दिल लगाना पड़ता है. हम बात कर रहे हैं इश्क की.


इश्क मतलब प्यार, पागलपन और त्याग… इन तीनों को बॉलीवुड के रुपहले पर्दे पर शानदार ढंग से उतारने का काम निर्देशक निखिल आडवाणी ने किया है. बॉलीवुड को प्यार के नगमे पढ़ाने वाले निर्देशक निखिल आडवाणी आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं और इस खास मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से रूबरू कराने जा रहे हैं..


निखिल ने चुना सिनेमा


28 अप्रैल 1971 के दिन मुंबई में सिंधी परिवार में जन्मे निखिल आडवाणी के पिता का फिल्मी दुनिया से दूर-दूर तक नाता नहीं था. आपको जानकर हैरानी होगी कि निखिल आडवाणी टीवी क्वीन एकता कपूर और तुषार कपूर के कजिन लगते हैं. पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद निखिल ने बॉलीवुड की रंगीन दुनिया में अपना करियर बनाने का मन बनाया. हालांकि, वह बतौर अभिनेता नहीं, बल्कि पर्दे के पीछे काम करने के इच्छुक थे. निखिल ने अपने करियर की शुरुआत बतौर निर्देशक सईद और अजीज मिर्जा की फिल्म 'नया नुक्कड़' में असिस्ट करके की थी. इसके बाद निखिल ने सहायक स्क्रिप्ट राइटर और सहायक निर्देशक जैसी पोजीशन पर काम करके लोगों का दिल जीता. 


जब बॉलीवुड ने पढ़ा इश्क का कलमा


बतौर सहायक निर्देशक करण जौहर, सईद मिर्जा, कुंदन शाह और सुधीर मिश्रा जैसे डायरेक्टर्स के साथ काम कर चुके निखिल आडवाणी ने बतौर निर्देशक साल 2003 में डेब्यू किया था. पहली ही फिल्म में निखिल ने शाहरुख खान, सैफ अली खान और प्रीति जिंटा को कुछ इस तरह से पर्दे पर पेश किया कि सभी ने कहा 'कल हो न हो.' पहली ही फिल्म के लिए निखिल को कई अवॉर्ड्स से नवाजा गया और तारीफ भी मिली. इसके बाद उन्होंने 'सलाम-ए-इश्क' से बॉलीवुड को इश्क को सलाम कहना सिखाया. साल 2007 में आई इस फिल्म के बाद निखिल ने चांदनी चौक की गलियों से निकल कर चाइना तक की सड़कों को फिल्मी पर्दे पर अक्षय कुमार की एक्टिंग के साथ मैच करके उतारा.


निर्देशन और निर्माण दोनों में हिट निखिल


इश्क की कहानियां दिखाने वाले निखिल आडवाणी ने फिर दिल्ली की सफारी कर ऐसा सफर तय किया, जिसने उन्हें 'डी-डे' की खूनखराबे वाली दुनिया में पहुंचा दिया. मल्टीस्टारर फिल्म के लिए तमाम पुरस्कार जीतने के बाद निखिल ने अपने प्रॉडक्शन हाउस एम्मी प्रॉडक्शंस के बैनर तले बनी फिल्म में कुवैत से कई भारतीयों को 'एयरलिफ्ट' कराया. इसके बाद निखिल ने एक से बढ़कर एक फिल्में बॉलीवुड को दीं, जिनमें 'हीरो', 'कट्टी बट्टी', 'बाटला हाउस' जैसे नाम शामिल हैं. निखिल सिद्धार्थ बतौर प्रॉड्यूसर भी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं. उन्होंने लखनऊ सेंट्रल, सत्यमेव जयते, बाजार, मरजावां, बेल बॉटम, सत्यमेव जयते 2 आदि फिल्में अपने बैनर तले बनाईं. निखिल सिद्धार्थ की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने कॉलेज की दोस्त सुपर्णा गुप्ता से शादी रचाई. उनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम कीया है.


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