बॉलीवुड स्टार्स अपने किरदार में रंगने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं. कोई खुद को 15 दिनों के लिए एक कमरे में बंद रखता है, तो कोई अपना वजन एकदम से बढ़ा लेता है. ऐसा ही कारनामा निमृत कौर ने भी कर दिखाया है. हाल ही में एक्ट्रेस फिल्म दसवीं में नजर आईं है, जिसमें वह अपने दमदार रोल से दर्शकों का दिल भी जीतती दिखी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म के लिए निमृत कौर ने क्या कुछ सहा है, अगर नहीं तो पढ़िए रिपोर्ट. फिल्म दसवीं में बिमला देवी के किरदार में ढलने के लिए निमृत कौर ने 15 किलो वजन बढ़ाया था, लेकिन इस वजन के चलते उन्हें काफी मेंटली और फिजिकली दुख झेलने पड़े.
एक्ट्रेस के लिए ट्रांसफॉरमेशन बिल्कुल भी आसान नहीं था. हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में निमृत ने खुलासा किया है कि उन्हें अपने बॉडी वेट को कम करने के लिए काफी कठिनाइयों को झेलना पड़ा, उन्होंने इस जर्नी के बारे में बात करते हुए कहा कि - जब मेकर्स मेरे पास ये स्क्रिप्ट लेकर आए थे तो मुझे लगता था कि मुझे कास्ट करने के लिए मेकर्स अपना मन ना बदल ले. मैंने हां करने से पहले स्क्रिप्ट तक नहीं पड़ी थी, बस मेकर्स ने मुझे एक लाइन सुनाई थी जिसके बाद मैंने इस फिल्म को करने का फैसला लिया. यह लाइन थी कि मेरा किरदार एक ऐसी गांव की पॉलीटिशियन का होने वाला है जिसको कुछ बोलना नहीं आता, लेकर पावर का नशा उसके सर चढ़कर बोलता है.
बता दें निमृत कौर ने अपना वजन बढ़ाने के लिए अपनी डाइट खासा ध्यान रखा था. निमृत ने बताया कि- मां तरह-तरह के पराठे बनाकर मुझे खिलाया करती थीं. फिल्म के डायरेक्टर अपने घर से मेरे लिए मिठाई, समोसे, गाजर का हलवा ना जाने क्या क्या मंगवाया करते थे, ताकि मेरा वजन बढ़ सके. लेकिन बढ़ते वजन के साथ मेरे दिमाग में चिंता यही सताई जा रही थी कि मैं यह 70 किलो का वजन कभी कम कर पाऊंगी या नहीं. जब मैंने वजन कम करना चाहा तो यह मेरे लिए मेंटली और फिजिकली काफी चैलेंजिंग रहा. क्योंकि मुझे रात में नींद नहीं आती थी. मेरे घुटनों में दर्द होता था मैं खुद को हमेशा पॉजिटिव रखने की कोशिश करती थी.