Noushad Death Anniversary: बॉलीवुड में अपने संगीत के दम पर पहचान बनाने वाले नौशाद अली की आज 17वीं डेथ एनिवर्सरी है. नौशाद अपने बेहतरीन संगीत के लिए जाने जाते हैं. यही वजह है कि आज भी उनका संगीत लोगों को पसंद आता है. नौशाद अपनी शर्तों पर किसी फिल्म में काम करते थे और अच्छे काम की दीवानगी ऐसी कि एक बार तो उन्होंने मोहम्मद रफी को सही उच्चारण करवाने के लिए बनारस से पंडित बुलवा लिए थे. चलिए आज नौशाद की पुण्यतिथि पर जानते हैं उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से.
लखनऊ में हुआ जन्म
नौशाद को जन्म 25 दिसम्बर 1919 को लखनऊ में मुंशी वाहिद अवी के घर में हुआ था. लखनऊ में ही उनकी पढ़ाई-लिखाई भी हुई. लखनऊ में संस्कृति और साहित्य की ओर लोगों का ज्यादा रुझान था. ऐसे में नौशाद इन सब से कैसे अछूते रह पाते, उन्हें भी संगीत में खासी रुचि आने लगी. इसके बाद उन्होंने उस्ताद गुरबत अली, उस्ताद यूसुफ अली और उस्ताद बब्बन से संगीत की शिक्षा ली.
17 साल की उम्र में आए मुंबई
नौशाद महज 17 साल की उम्र में अपनी किस्मत आजमाने सपनों के शहर मुंबई आ गए थे. भारतीय संगीत को नौशाद ने एक अलग मुकाम तक पहुंचाया. इसके अलावा शेर ओ शायरी में नौशाद बेहतरीन थे. पहली बार नौशाद को फिल्म प्रेम नगर से अपनी मर्जी से संगीत देने का मौका मिला. हालांकि उन्हें पहचान फिल्म रतन से मिली. उन्होंने बॉलीवुड में 64 साल तक अपने संगीत से लोगों के दिलों में राज किया. अपने करियर में उन्होंने 67 फिल्मों में काम किया.
सबसे बड़े परफेक्शनिस्ट
नौशाद परफेक्शन के खिलाड़ी थे. हालांकि इस परफेक्शन के लिए वो कुछ भी करने को तैयार होते थे. जब तक म्यूजिक में परफेक्शन नहीं आता था वो उसे छोड़ते नहीं थे. इसी से जुड़ा एक खास किस्सा भी है. एक बार 'मन तड़पन हरी दर्शन को' गाने की रिहर्सल चल रही थी, लेकिन इस गाने में मोहम्मद रफी कुछ संस्कृत के शब्द सही से नहीं बोल पा रहे थे.
मोहम्मद रफी को म्यूजिक सिखाने के लिए नौशाद ने बनारस से बुलाए पंडित
मोहम्मद रफी को काफी बताने के बाद भी वो जब संस्कृत के वो शब्द सही से नहीं बोल पाए तो नौशाद ने बनारस से संस्कृत के पंडितों को बुलावा भेज दिया. उन पंडितों ने नौशाद को उन संस्कृत शब्दों को सही से बोलने में मदद की. तब जाकर नौशाद ने फाइनल रिकॉर्डिंग को मंजूरी दी थी. बस इसी परफेक्शन का नतीजा है कि रिलीज होते ही ये गाना सुपरहिट साबित हुआ था और आज भी हर मंदिर में सुना जाता है.
ससुराल वालों को अपना परिचय बताया था टेलर
नौशाद के कई रोचक किस्से रहे. जिनमें से एक उनकी शादी से जुड़ा भी है. उनके घर लड़की वाले रिश्ता लेकर आए थे. तब उन्हें लड़की वालों को अपना परिचय टेलर के रूप में देना पड़ा था. बता दें कि उस समय फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े होना अच्छा नहीं माना जाता था. इसी वजह से नौशाद को झूठ बोलना पड़ा था.
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