Om Puri Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा की वो 6 शानदार फिल्में, जिनमें Om Puri ने मनवाया अपनी एक्टिंग का लोहा
Om Puri Birth Anniversary: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर ओम पुरी ने हिंदी सिनेमा को कई यादगार फिल्में दी हैं. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको उनकी बेहतरीन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं.
Om Puri Birth Anniversary: बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर्स की लिस्ट में शामिल स्वर्गीय ओम पुरी (Om Puri) ने ना केवल कला बल्कि कमर्शियल फिल्मों में भी अपने एक्टिंग से सभी को प्रभावित किया है. उनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 को अंबाला में हुआ था. घर की आर्थिक हालत ठीक ना होने के चलते उन्होंने बहुत ही कम उम्र में ढाबे और चाय की दुकान पर काम करना शुरू कर दिया था. हालांकि, इसके साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक्टिंग में रूचि रखने के चलते उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा और फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया में एक्टिंग का कोर्स किया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1976 में मराठी फिल्म घशीराम कोतवाल से की थी. बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी पहली फिल्म चोर चोर छुप जा नाम की एक बच्चों की फिल्म थी. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी (Birth Anniversary) पर हम आपको उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों से रूबरू करवाने जा रहे हैं.
अर्ध सत्य (Ardh Satya) – साल 1983 में आई इस फिल्म में ओम पुरी ने एक निष्पक्ष और निराश पुलिस वाले की भूमिका निभाई थी. गोविंद निहलानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमरीश पुरी, स्मिता पाटिल और नसीरुद्दीन शाह जैसे शानदार कलाकार भी थे. ओम पुरी ने अर्ध सत्य में अपने शानदार अभिनय के लिए नेशनल अवार्ड भी जीता था.
आरोहण (Arohan) - श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित साल 1982 में आई इस फिल्म में ओम पुरी ने एक गरीब किसान की भूमिका निभाई थी. जो बंगाल के एक सुदूर गांव में रहता था. फिल्म ने हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का नेशनल अवार्ड जीता था.
आक्रोश (Aakrosh) - आक्रोश, ये निर्देशक गोविंद निहलानी की पहली फिल्म थी, इस फिल्म ने भी हिंदी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड और कई फिल्मफेयर अवार्ड जीते थे. फिल्म की कहानी न्यायपालिका में भ्रष्टाचार उत्पीड़न और दमन पर आधारित थी.
सद्गति (Sadgati) - महान निर्देशक सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित सद्गति मुख्य रूप से टीवी के लिए बनाई गई फिल्म थी. साल 1981 में आई ये फिल्म फेमस लेखक मुंशी प्रेमचंद की एक लघु कहानी पर आधारित थी. ओम पुरी ने इसमें एक गरीब और अछूत, गांव के थानेदार की भूमिका निभाई थी.
जाने भी दो यारो (Jaane Bhi Do Yaaron) - साल 1983 की इस फिल्म ने बॉलीवुड में गहरे व्यंग्य की शैली की शुरुआत की. ये फिल्म राजनीति, नौकरशाही, मीडिया आदि में बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमती है और इसमें नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, सतीश शाह, सतीश कौशिक और नीना गुप्ता भी थे. ओम पुरी ने फिल्म में एक बिल्डर, आहूजा की भूमिका निभाई थी.
मिर्च मसाला (Mirch Masala) - केतन मेहता द्वारा निर्देशित 1987 की फिल्म में नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी और स्मिता पाटिल जैसे दिग्गज कलाकार थे. इसमें भी ओम पुरी के काम की काफी प्रशंसा हुई थी.
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