पेट पालने के लिए बचपन में किया चाय की दुकान पर काम, रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा किया कोयला, इंडस्ट्री में कदम रखकर दीं 100 करोड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्में
Bollywood Actor Struggle: बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना आसान नहीं होता है. कुछ एक्टर्स ऐसे हैं जिन्होंने बचपन में बहुत दुख झेले हैं और उसके बाद इंडस्ट्री में आकर अपनी अलग पहचान बनाई.
Om Puri Struggle: सिनेमा में कई ऐसे दिग्गज कलाकार रहे हैं, जिन्होंने बहुत मेहनत करके अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता है. हिंदी सिनेमा की दुनिया में एक अभिनेता ऐसे भी रहे हैं, जिन्होंने ऐसा बचपन जीया है, जिसमें उनके लिए खुशियों और सुख सुविधाओं की कोई जगह नहीं थी. गरीब परिवार से आने वाले यह अभिनेता थिएटर से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद टेलिविजन की दुनिया में आए और जब उन्होंने सिनेमा की दुनिया में कदम रखा, इसके बाद तो ताबड़तोड़ 100 करोड़ी फिल्में दी हैं. तो चलिए आपको उस अभिनेता के बारे में दिलचस्प किस्से बताते हैं.
गरीबी में बीता ओमपुरी का बचपन
शानदार अदाकारी से लोगों का दिल जीतने वाले इस दिग्गज अभिनेता का नाम है ओमपुरी. अंबाला में जन्मे अभिनेता के पिता टेक चंद पुरी भारतीय सेना में थे और रेलवे में भी काम करते थे. किसी जन्म प्रमाण पत्र न होने की वजह से अभिनेता की जन्मतिथि के बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि उनकी मां उनसे कहा करती थीं कि ओमपुरी का जन्म दशहरा के दिन हुआ था. आठ भाई-बहनों में सबसे छोटे ओमपुरी का बचपन बहुत गरीबी में बीता.
बचपन में चाय की दुकान पर किया काम
ओमपुरी के सभी भाई-बहनों की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी, सिर्फ उनके बड़े भाई वेद और वह जिंदा बचे. रेलवे की नौकरी के दौरान अभिनेता के पिता को सीमेंट चोरी के आरोप में जेल में डाल दिया गया था. इसके बाद अभिनेता ने एक चाय की छोटी सी दुकान पर काम किया. गरीबी के दिनों में वह अपने परिवार को पालने के लिए रेलवे की पटरियों से कोयला भी इकट्ठा करते थे. इतनी गरीबी और कठिन परिस्थितियों के बाद भी ओमपुरी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी.
ओमपुरी की पहली फिल्म
पढ़ाई के दौरान ही ओमपुरी दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में शामिल हो गए. यहां पर उनकी मुलाकात सिनेमा के दिग्गज कलाकार नसीरुद्दीन शाह से हुई. नसीरुद्दीन शाह ने उनको पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में जाने के लिए कहा. अभिनेता के तौर पर ओमपुरी और नसीरुद्दीन शाह ने एक साथ करीब 26 फिल्मों में काम किया. उनकी पहली फिल्म 1977 में आई थी, जिसका नाम था 'भूमिका', वहीं आखिरी फिल्म 2009 में 'बोलो राम' थी.
ओमपुरी ने इन फिल्मों से मचाया धमाल
6 जनवरी 2017 को दिल का दौरा पड़ने से ओमपुरी का निधन हो गया था. उन्होंने कुछ बेहतरीन फिल्में दी हैं जैसे चाची 420 (1997), हेरा फेरी (2000), चोर मचाए शोर (2002), दीवाने हुए पागल, चुप चुप के, किस्मत कनेक्शन और मालामाल वीकली (2006) और ओह माय गॉड, ढोल और भी कई फिल्में इस लिस्ट में शामिल हैं.
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