पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का आज एम्स में निधन हो गया है. वह 66 साल के थे. शुक्रवार को उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी. उन्हें सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स में भर्ती किया गया था.


पूर्व बीजेपी और मौजूदा कांग्रेसी नेता और जानें-माने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने दिवंगत अरुण जेटली की ख़ासियतों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक बौद्धिक, विनम्र और घंमड-विहीन इंसान और ओजस्वी वक्ता ठहराया. इसी‌ के साथ उन्हें बीजेपी का (प्रमोद महाजन के अलावा) संकटमोचक भी बताया. उन्होंने अरुण जेटली के साथ अपनी दोस्ती और बाद‌ के दिनों में दोनों के बीच आई अपनी तल्ख़ी पर भी बात की. शत्रुघ्न सिन्हा ने अरुण जेटली के आपातकाल के दिनों की भी बात की.


एबीपी न्यूज़ संवाददाता रवि जैन से खास बात-चीत में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ''एक बौद्धिक, विनम्र और घंमड-विहीन इंसान और ओजस्वी वक्ता, एक ऐसा गाइड को विरले ही आता है. आज के दौर की राजनीति में उनका जाना खास कर बीजेपी के लिए ये बहुत बड़ी क्षति है. आज उनके निथन की खबर आने से एक खालीपन महसूस हो रहा है.''


शुत्रघ्न सिन्हा ने अरुण जेटली को एक ओजस्वी वक्ता बताते हुए कहा, ''एक विनम्र और ओजस्वी वक्ता के तौर पर लोग उन्हें जानते रहे हैं. कई बार लोगों से ऐसा सुनने में आया है कि उनका टेन्शन स्पैन थोड़ा कम रहता है. राजनीति से इतर थोड़ी देर के लिए ही सही स्पोर्ट्स या क्रिकेट पर उनकी नजर चली जाती थी. मगर उनके करीबी ये जानते थे कि अरुण जेटली जहां भी काम करते हों उसे बेहद गंभीरता से अंजाम देते थे.''


खाने के शौकीन अरुण जेटली को याद करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा कहते हैं कि हमारी दोस्ती के दौरान, जो खाना वह अपने घर पर नहीं खा पाते थे, उस शौक को मनचंदा जी के घर पर पूरा किया करते थे.


शुत्रघ्न सिन्हा ने कहा, ''मनचंदा जी के घर खाने की बैठक में मैं और यशवंत सिन्हा और अरुण जेटली मिलते थे. वह खाने के मामले में बड़े शौकीन ही नहीं बल्कि जानकार भी थे. उन्हें मालूम था कि कौन सी डिश कहां किस रेस्टोरेंट में अच्छी मिलती है.''


अरुण जेटली से अपनी दोस्ती को याद करते हुए शुत्रघ्न सिन्हा ने कहा ''राजनीतिक करियर होने के नाते उनके और मेरे बीच भले कुछ दूरियां भी हो गई हों, मगर वह जितने दूर थे उतनी ही हमारी नजदीकियां भी थीं. आज उनकी दोस्ती, उनसे नजदीकियां अनसे पारिवारिक दोस्ती याद आती है. मेरी उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं.''


अरुण जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए अनेक ऐसे फैसले लिए जिसे देश के इतिहास में सालों तक याद किया जाएगा.