नई दिल्ली: तमाम विवादों के बीच संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' बड़े पर्दे पर रिलीज हो चुकी है. फिल्म को दर्शकों द्वारा खासा पसंद भी किया जा रहा है. लेकिन इस फिल्म को पूरा करने के लिए और फिल्म को पर्फेक्ट बनाने के लिए निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ-साथ उनके एक्टर्स को भी काफी सफर करना पड़ा. संजय लीला भंसाली के साथ काम कर चुके एक्टर्स अक्सर कहते नजर आते हैं कि उनके साथ काम करना आसान नहीं है.



फिल्म 'पद्मावत' को शूट होने में एक साल से ज्यादा का वक्त लगा. इस फिल्म के लिए फिल्म की टीम ने पूरी जी जान लगा दी. दीपिका पादुकोण इस फिल्म में रानी पद्मावती का किरदार निभाती नजर आ रही हैं और रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी का. वहीं शाहिद कपूर फिल्म में राजा रावल रतन सिंह के किरदार में हैं.

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रानी पद्मावती

दीपिका पादुकोण ने इस किरदार के लिए बहुत मेहनत की और उनकी ये मेहनत आपको फिल्म में नजर आ जाएगी. हाल ही में दीपिका ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बताया कि फिल्म में कौन सा सीन करना उनके लिए बेहद मुश्किल था. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सीन को फिल्माने के बाद दीपिका काफी डिप्रेस्ड हो गई थी और उन्हें वापस नॉर्मल होने में काफी वक्त लगा था.



दीपिका की निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ ये तीसरी फिल्म है. दीपिका ने ट्रेलर रिलीज के मौके पर कहा था कि जब आप संजय सर जैसे पैशेनेट निर्देशक के साथ काम करते हैं तो आपको बहुत संयम रखना होता है. एक एक्टर से उसका बेस्ट काम कैसे करवाना है ये वो अच्छे से जानते हैं. लेकिन कई बार अभिनय करते समय और जो किरदार आप निभा रहे हैं उसमें रमने के लिए आपको इमोशनली काफी चीजों से गुजरना पड़ता है. जौहर जैसा सीन फिल्माते समय आप अंदर से एक दम खाली हो जाते हैं. उस वक्त असल में जौहर करने वाली महिलाओँ की भावनाएं क्या रही होंगी ये जानना और समझना काफी मुश्किल है.

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जौहर 

फिल्म में जौहर का सीन करीब 10 मिनट लंबा है. इस सीन की शुरुआत होती है जब खिलजी  चित्तौड़ के किले के बाहर खड़ा युद्ध के लिए ललकार रहा होता है और अंदर ही अंदर रानी पद्मावती व राजा रावल सिंह सहित पूरे चित्तौड़ को कहीं न कहीं ये एहसास होता है कि वो शायद जीत नहीं पाएंगे. खिलजी के सेना के उनकी सेना बहुत छोटी है और अब चित्तौड़ के किले की दीवारें शायद रानी पद्मावती के मान सम्मान को बहुत ज्यादा देर तक सुरक्षित न रख पाएं.



दीपिका एक सफेद वस्त्र हाथों में लिए राजा रावल सिंह के पास पहुंचती हैं और उनसे कुछ मांगने की इजाजत मांगती हैं. आंखों में एक साथ कई भावनाएं लिए दीपिका कहती है, आपकी इजाजत के बिना तो हम मर भी नहीं सकते. इसी के साथ दीपिका एक सफेद वस्त्र पर राजा रावल के हाथों का छापा लेती है. कुछ वक्त बाद जब रानी को समाचार मिलता है कि राजा रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हो गए हैं तो उसी वस्त्र के साथ जौहर करने के लिए अपनी क्षत्राणियों के साथ आगे बढ़ती हैं.