नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' का विरोध थम नहीं रहा है. जैसे-जैसे रिलीज की डेट नजदीक आ रही है वैसे ही हिंसक घटनाएं बढती जा रही हैं. इस विरोध की आंच अब दिल्ली-एनसीआर से होते हुए लखनऊ तक पहुंच चुकी है. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में रविवार को करणी सेना ने सड़क जाम और फिर एमजी रोड पर की नारेबाजी की. नोएडा में भी फिल्म को लेकर राजपूत समाज ने उग्र प्रदर्शन किया. डीएनडी फ्लाईओवर पर आगजनी और तोड़फोड़ की.



राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में इस फिल्म के विरोध में हाथ में तलवार लेकर स्वाभिमान रैली निकाली गई. रैली में मध्यप्रदेश की सैकड़ों महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. लखनऊ में भी इस फिल्म की रिलीज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. 'पद्मावत' के पोस्टर जलाने के साथ-साथ निर्देशक संजय लीला भंसाली का पुतला भी फूंका. गुजरात के सूरत में भी दिखा 'पद्मावत' के खिलाफ उग्र प्रदर्शन, करणी सेना और राजपूत समाज ने थियेटर में फिल्म पद्मावत नहीं रिलीज करने की धमकी दी.


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धर्मनगरी कुरूक्षेत्र के केसल मॉल में भी कल इस फिल्म के विरोध में तोड़फोड़ और फायरिंग हुई. मॉल में दो दर्जन बाईक सवार नकाबपोशो ने आतंक मचाया. ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद है.



इसी बीच इस विवाद में एक नया टिवस्ट आ गया है और वो ये है है कि गुजरात में हिंसा की घटनाओं से राजपूत समाज ने किनारा कर दिया है. राजपूत समाज के मार्गदर्शक पराक्रम सिंह जाडेजा ने कहा है कि हिंसा की घटनाओं का करणी सेना और राजपूत समाज से कोई लेना देना नहीं है.


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बता दें कि ये फिल्म पहले 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होने वाली थी लेकिन देश भर के कई राज्यों में फिल्म का जबरदस्त विरोध किया गया. इसके बाद मेकर्स ने फिल्म की रिलीज को टाल दिया था और बाद में एलान किया था कि ये फिल्म 25 जनवरी को रिलीज की जाएगी. इसी दिन अक्षय कुमार की पैडमैन रिलीज होने वाली थी लेकिन उन्होंने भंसाली की मुश्किलों को देखने हुए अपनी फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ा दी.


इस फिल्म में मुख्य भूमिका में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर हैं. सेंसर बोर्ड ने जो भी बदलाव करने को कहा था वो सब मेकर्स ने कर दिया है लेकिन उसके बावजूद विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है.