जयपुर: राजस्थान के चित्तौडगढ में विवादित फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध में राजपूत महिलाओं ने प्रस्तावित जौहर को निरस्त कर दिया है. अब महिलाओं ने प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की स्वीकृति की मांग की है. जौहर स्वाभिमान मंच की महिलाओं ने फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगने की स्थिति में 24 जनवरी को जौहर करने की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे वापस ले लिया गया है.


चित्तौडगढ़ में राजपूत करणी सेना के महासचिव विश्वबंधु सिंह ने बताया कि सर्व समाज की महिलाओं ने 24 जनवरी को जौहर करने का निर्णय निरस्त कर दिया गया है. कल एक रैली निकाली गई थी और महिलाओं ने इच्छामृत्यु की मांग की है.


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उन्होंने कहा कि रैली के बाद महिलाओं ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जिसमें फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व जौहर करने की इच्छुक महिलाओं को एक फार्म वितरित किया गया था, लेकिन अब यह निरस्त हो गया है.


एक अन्य नेता धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि जौहर कानूनी रूप से सही नहीं था. इसलिये इसे वापस लेने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि 24 जनवरी को फिल्म के विरोध में संगठन स्तर पर कोई योजना नहीं है. फिर भी कोई अपनी मर्जी से आकर प्रदर्शन करना चाहे तो विरोध प्रदर्शन कर सकता है.


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1900 से अधिक महिलाओं ने फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर 24 जरनवरी को जौहर के लिये पंजीकरण कराया था. चित्तौडगढ किले में अलाउद्दीन खिजली के आक्रमण के दौरान अपने आत्मसम्मान के लिये मेवाड की रानी पद्मिनी ने 16 हजार महिलाओं के साथ 1303 ईस्वी में जौहर किया था.


चित्तौडगढ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने भी कहा कि जौहर जैसी किसी प्रकार की गतिविधि प्रस्तावित नहीं है.


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