प्रदर्शनकारियों में महिलाएं थी, जिन्होंने पहले ही चित्तौड़गढ़ में जौहर (आग में कूदकर जान देना) करने के लिए पंजीकरण करा रखा है. बताया जा रहा है कि मार्च में 1,908 महिलाएं शामिल हुईं. प्रदर्शनकारियों ने चित्तौड़गढ़ किले से मार्च शुरू किया और इसे मुख्य बाजार में खत्म किया, जहां उन्होंने जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करता हुआ एक ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में कहा गया है कि मार्च यह सुनिश्चित करने के लिए निकाला गया है रानी पद्मिनी के सम्मान को बनाए रखा जाए और 25 जनवरी को फिल्म की रिलीज रोकी जाए अन्यथा राजपूत महिलाएं 24 जनवरी को जौहर करेंगी.
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श्री राजपूत करणी सेना के प्रवक्ता विजेंद्र सिंह ने कहा कि उनका संगठन अगले तीन दिनों में भारत भर के सिनेमाघर मालिकों से संपर्क करेगा और उनसे संजय लीला भंसाली की फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने का अनुरोध करेगा.
उन्होंने कहा, "हमने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब 100 सिनेमा घरों में संपर्क किया था और उन्होंने लिखित में यह आश्वासन दिया है कि वे फिल्म को प्रदर्शित नहीं करेंगे." विजेंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सिनेमाघर फिल्म दिखाते हैं, तो इसके परिणाम के लिए वे जिम्मेदार होंगे.
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उन्होंने कहा कि अहमदाबाद, फरीदाबाद और बल्लभगढ़ में कुछ सिनेमाघर फिल्म के लिए एडवांस बुकिंग कर रहे थे और इसलिए उन्हें समुदाय की नाराजगी का सामना करना पड़ा. विजेंद्र ने कहा कि संगठन ने फिल्म की रिलीज का विरोध करने के लिए 25 जनवरी को देश भर में बंद का आह्वान किया है.