नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर विरोध के स्वर बढ़ता ही जा रहा है. अब  तक इसका विरोध करनी सेना सहित कई राजपूत संगठन कर रहे थे लेकिन अब इसमें खुलकर राजनेता भी बोलने लगे हैं. पिछले दिनों यूपी सरकार ने इसकी रिलीज टालने के लिए केंद्र सरकार को लेटर लिखा था और अब अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इसमें नया नाम जुड़ गया है. शिवराज ने कहा है कि इस फिल्म को अब मध्य प्रदेश में रिलीज नहीं किया जाएगा.


शिवराज ने आज कहा, ''फिल्म कल्पनाओं पर बनाएं तो ठीक है मगर राष्टनायकों, राष्ट नायिकाओं पर बनेगी तो ऐतिहासिक तथ्यों को छेड़़ा ना जाये. देश उदेलित है. इस फिल्म में तथ्यों से खिलवाड किया गया है. ये देश मान रहा है, राष्ट्रमाता 'पद्मावती' के सम्मान के खिलाफ फिल्म में दृश्य दिखाये गए हैं, ऐसी फिल्म का प्रदर्शन एमपी में नहीं होगा.'


बता दें कि आज भोपाल में बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार चौहान ने सीएम हाउस में 'पद्मावती' के नारे लगाए और कहा कि 'राष्ट्रमाता 'पद्मावती' अमर रहे.'


विरोध खत्म करने के लिए मेकर्स ने कुछ मीडिया हाउसेज को ये फिल्म दिखाई ताकि लोगों को सच्चाई बताई जा सके. लेकिन अब उसकी वजह से उनसे सेंसर बोर्ड भी नाराज हो गया है. सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी ने इस पर निराशा जताई है और कहा है कि यह एक अवसरवादी उदाहरण स्थापित करता है और फिल्म प्रमाणीकरण के मौजूदा मानदंड को नष्ट करने का प्रयास करता है.


आपके लिए ये जानना जरूरी है कि ये फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी लेकिन बढ़ते विरोध के चलते मेकर्स ने इस फिल्म की रिलीज डेट टाल दी है. नई रिलीज डेट का ऐलान अभी नहीं किया गया है. 'पद्मावती' को सेंसर बोर्ड से भी सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है. सेंसर बोर्ड ने इसकी प्रक्रिया को अधूरा बताते हुए वापस कर दिया है.