नई दिल्ली: देशभर में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर भारी विरोध चल रहा है. पहले इस फिल्म का विरोध कुछ राजपूत संगठन कर रहे थे लेकिन अब इसमें दिग्गज नेता भी कूद चुके हैं. इस मुद्दे पर अब सियासी दल भी अपने अपने हिसाब से बैटिंग करने में जुट गए हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तक चौहान तक इस फिल्म का खुलेआम विरोध कर चुके हैं. सिर्फ बीजेपी ही नहीं फिल्म पर सवाल उठाने वालों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी शामिल हैं. दरअसल 'पद्मावती' के बहाने हर कोई राजपूतों की राजनीति साधने में लगा है.


आरोप है कि इस फिल्म के विरोध के पीछे गुजरात चुनाव भी एक वजह है. एबीपी न्यूज़ के पास कुछ ऐसे आंकड़े हैं जो इन आरोपों को सही साबित करते हैं. देश में राजपूतों की आबादी 7.5 करोड़ है. जो कुल आबादी का 5% हैं यही वजह है कि नेता पद्मावती के मुद्दे को भूनाने और वोट बैंक बनाने की राजनीति में लगे हुए हैं.


यहां आपको बताते हैं कि जिन राज्यों में इस फिल्म का जमकर विरोध हो रहा है वहां पर होने वाले चुनावों में राजपूतों की कितनी अहम भूमिका है




  •  गुजरात के 17 से 18 जिलों में करीब 10% मतदाता राजपूत हैं. जो 20 से 25 सीटों पर जीत और हार तय करते हैं.

  • इसी तरह यूपी में भी निकाय चुनाव चल रहे हैं. जहां 10 से 11% राजपूत मतदाता हैं.

  • राजस्थान में अगले साल चुनाव होना है. जहां 7-8% वोटर राजपूत हैं.

  • मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की अगले साल चुनावी परीक्षा है. जहां 7-8% राजपूत वोटर 40-45 सीटों पर अहम रोल निभाते हैं.

  • यूपी में सबसे ज्यादा 1.5 करोड़ राजपूत हैं. जो 100 सीटों पर निर्णायक हैं.


इसी सियासी गणित की वजह से नेताओं की जुबान आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है.


आपको बता दें कि यूपी के रामपुर में समाजवादी पार्टी नेता आजम खान ने बीजेपी को घेरने के लिए जोधा अकबर तक का इतिहास खंगाल डाला. आजम खान ने कहा, ''अकबर तो हमारा नहीं था मगर जोधाबाई तो तुम्हारी थी. क्यों दे दी, मैंने तो नहीं कहा था समाजवादी पार्टी ने भी नहीं कहा था. आज अकबर के गुनाहों की सजा हमें भी मिल रही है.'' इसके बाद आजम खान के बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के परिवार तक पहुंच गए और पूछा कि मुसलमानों को दामाद बनाने वाले स्वामी को उनसे इतनी नफरत क्यों है? आजम खान, ने पूछा, ''स्वामी जी आपने तो बेटी दे दी फिर भी मुसलमानों को गद्दार कह दिया. स्वामी जी देश की फ़िक्र के साथ साथ अपने परिवार की भी फ़िक्र करो.''


मुस्लिम विरोधी छवि वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी पद्मावती के विरोधियों की कतार में सबसे आगे हैं. जिनका दावा है कि वो ये फिल्म रिलीज नहीं होने देंगे. सुब्रमण्यम स्वामी इसका विरोध करते हुए कहा, ''हमने इसलिए प्रतिबंध लगाया है. जब तक आपत्तिजनक हिस्से हैं उसे नहीं निकालेंगे, उसे दिखाने नहीं देंगे.


हरियाणा बीजेपी प्रभारी सूरज पाल ने तो फिल्म में  पद्मवाती की भूमिका निभा रही दीपिका पादुकोण के सिर काटने वाले को 10 करोड़ इनाम देने की बात भी कह दी. इतना ही नहीं कुछ दिनों पहले पश्चिम  बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फिल्म का समर्थन किया था, सूरज पाल ने आज इशारों-इशारों में उनकी भी नाक काटने की बात कह दी.


फिल्म 'पद्मावती' फिल्म पर आरोप है कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है. राजपूत करणी सेना का मानना है कि ​फिल्म में पद्मावती और खिलजी के बीच आपत्तिजनक सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है. लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए. हालांकि भंसाली इन आरोपों को नकारते हुए ये कह चुके हैं कि इस फिल्म में पद्मावती और खिलजी का पूरी फिल्म में साथ में कोई सीन नहीं है.


ये फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी लेकिन सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिलने के चलते रिलीज डेट टाल दी गई है. मेकर्स ने अभी नई  रिलीज डेट का ऐलान नहीं किया है.