फिल्म ‘पानीपत’ के विरोध में उतरे मंत्री और सांसद, वसुंधरा राजे बोलीं- महाराजा सूरजमल का गलत चित्रण निदंनीय है
आशुतोष गोवारिकर की बहुप्रतीक्षित पीरियड ड्रामा, 'पानीपत' शुक्रवार को रिलीज हुई. फिल्म को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. वहीं, राजस्थान के कुछ हिस्सों में पानीपत फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
जयपुर: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और सांसद हनुमान बेनीवाल ने बॉलीवुड फिल्म 'पानीपत' में भरतपुर के पूर्व महाराजा सूरजमल के किरदार को कथित तौर पर गलत तरीके से फिल्माए जाने की निन्दा की है. पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने ट्वीट के जरिए कहा कि स्वाभिमानी, निष्ठावान और हृदय सम्राट महाराजा सूरजमल का फ़िल्म ‘पानीपत’ में किया गया ग़लत चित्रण निदंनीय है.
राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने फिल्म 'पानीपत' पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए रविवार को कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के जाट समुदाय में भारी रोष को देखते हुए इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए, अन्यथा कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है.’’ सिंह ने ट्वीट के जरिए कहा कि यह अत्यंत दुख की बात है कि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरुष का चित्रण ‘पानीपत’ फिल्म में बेहद गलत तरीके से किया गया है.
स्वाभिमानी,निष्ठावान और हृदय सम्राट महाराजा सूरज मल का फ़िल्म निर्माता द्वारा फ़िल्म पानीपत में किया गया ग़लत चित्रण निदंनीय है।#MaharajaSurajmal #Panipat
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) December 8, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘मैं महाराजा सूरजमल जाट की 14वीं पीढ़ी से हूं. वास्तविकता यह है कि पेशवा और मराठा जब पानीपत युद्ध हारकर और घायल होकर लौट रहे थे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने छह माह तक सभी मराठा और पेशवाओं को अपने यहां पनाह दी थी. यहां तक कि खांडेराव होलकर की मृत्यु भी भरतपुर की तत्कालीन राजधानी कुम्हेर में ही हुई और आज भी वहां के गागरसोली गांव में उनकी छतरी बनी हुई है.'’ पर्यटन मंत्री ने कहा कि एक समिति बनाई जानी चाहिए जो यह देखे कि यदि किसी वंश या महान व्यक्ति पर अगर कोई फिल्म बनाई जाती है तो ऐसी फिल्म को रिलीज करने से पहले उसके परिजनों और समाज से अनुमति ली जाए.
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नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी फिल्म 'पानीपत' में सूरजमल के चित्रण का विरोध करते हुए ट्वीट के माध्यम से कहा कि फिल्म में महाराजा सूरजमल के महान व्यक्तित्व को मजाकिया जैसा दिखाना राजस्थान की अस्मिता के साथ मजाक है, आखिर बार-बार क्यों फिल्मों में हमारे महान इतिहास का मजाक बनाया जाता है. सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारी समझे और फ़िल्म से विवादित दृश्य हटाए.
उन्होंने कहा कि फिल्म में इतिहास को ग़लत तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत करने से समाज में रोष है. सूरजमल एक महान अजेय योद्धा थे. फ़िल्म निर्माताओं और सेंसर बोर्ड से अपील है कि जल्द से जल्द विवादित दृश्यों को हटाया जाए. जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने शनिवार को सैकड़ों लोगों के साथ भरतपुर के सूरजमल चौराहे पर प्रदर्शन कर फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर का पुतला दहन किया.
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