Bheed controversy: बॉलीवुड एक्टर पंकज कपूर इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म भीड़ को लेकर सुर्खियों में हैं. फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और इसमें कोरोना महामारी के दौरान देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान जनता को हुई परेशानियों के बारे में बात करती है. लेकिन इसे लेकर दर्शक दो हिस्सों में बंटे नजर आ रहे हैं. अब फिल्म को लेकर चल रहे नेगेटिव रिएक्शन पर पंकज कपूर ने चुप्पी ने तोड़ी है.
इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए पंकज कपूर ने कहा, "आपको यह महसूस करना चाहिए कि हमारे समाज में, जो कि आप हमारी फिल्म में भी देखेंगे, कि बारिश की एक बूंद होने से पहले लोग मानसून की घोषणा कर देंगे. हम इतने अधीर और स्वच्छंद हैं. धैर्य रखने और यह कहने के बजाय, 'ठीक है, जो हो रहा है उस पर चिंतन करें', हम बंदूक उछाल देते हैं. आप राय दे सकते हैं, लेकिन पहले फिल्म देखें?”
उन्होंने आगे कहा कि इन दिनों हालात 80 के दशक के जैसे हो गए हैं, जैसे उस समय बच्चे के पैदा होने से पहले ही मां बाप लड़ते थे कि बच्चा डॉक्टर बनेगा या इंजिनियर. ऐसा ही लोग इन दिनों बात को पूरा जाने बिना ही अपनी राय देने लगते हैं.
पहले फिल्म देखें फिर दें राय
पंकज ने कहा, "ये एक छोटा टीज़र ... और आप कहने लगते हैं कि यह एक राजनीतिक फिल्म है. यह एक विश्लेषणात्मक फिल्म है जो हमारे समाज की मानसिकता के बारे में बात करती है, हम कैसे सोचते हैं. इस फिल्म ने जिस तरह से दिखाया है, बहुत कम फिल्मों ने अधिकारियों को सकारात्मक अर्थ में दिखाया है.''
जब उनसे कहा गया कि लोगों के एक वर्ग को लगता है कि 'भीड' सत्ता को नकारात्मक रोशनी में दिखाने का प्रयास करती है और इसलिए इसे राष्ट्र-विरोधी कहा है. इस पर पंकज कपूर ने कहा, ''उन लोगों को "पता नहीं है" कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं. उन्हें यह समझने के लिए पहले फिल्म देखनी चाहिए कि यह किस बारे में बात कर रही है. अनुभव ने अच्छा संतुलन बनाया है. उन्होंने एक उदाहरण चुना है और इसके चारों ओर एक कहानी बनाई है. यह किसी को अच्छा या बुरा नहीं कह रहा है. यह सिर्फ आपको दिखा रहा है कि हमारा दिमाग इसी तरह काम करता है."
क्यों है विवाद
फिल्म के टीज़र में पार्टिशिन की भयावहता, 1947 के गंभीर दृश्यों और 2020 के लॉकडाउन की दिल दहला देने वाली तस्वीरों के साथ एक शक्तिशाली वॉयसओवर के साथ दिखाया गया है. इसमें कहा गया है, “एक बार फिर हुआ था बटवारा, 2020 में''. इंटरनेट पर लोगों के एक वर्ग का मानना है कि भीड के टीज़र में जानबूझकर एक विचारधारा बनाने के लिए पार्टिशिन से लॉकडाउन की तुलना की गई है. बता दें कि फिल्म 24 मार्च को रिलीज होगी.
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