Pankaj Tripathi ने अपने दिवगंत पिता की याद में किया बेहद नेक काम, जानकर OMG 2 एक्टर की करेंगे खूब तारीफ
Pankaj Tripathi Inaugurate Library: पंकज त्रिपाठी ने अपने पिता पंडित बनारस तिवारी की याद में अपने गांव गोपालगंज के बेलसंड में हायर सेकेंडरी स्कूल में एक नई लाइब्रेरी का उद्घाटन किया है.
Pankaj Tripathi Inaugurated Library: अपनी शानदार एक्टिंग स्किल्स के लिए मशहूर पंकज त्रिपाठी ने गोपालगंज के बेलसंड में हायर सेकेंडरी स्कूल में एक नई लाइब्रेरी का उद्घाटन किया है. उन्होंने शिक्षा और सामुदायिक विकास के लिए अपना डेडिकेशन दिखाया है. यह पहल उनके दिवंगत पिता पंडित बनारस तिवारी की स्मृति को समर्पित है.
बिहार के गोपालगंज के रहने वाले पंकज त्रिपाठी पहले उस स्कूल का कायाकल्प करने के मिशन पर निकले थे, जहां उन्होंने अपनी एजुकेशन हासिल की थी. पंकज ने बड़े भाई के साथ मिलकर पंडित बनारस तिवारी फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से यह कोशिश की है जो उनके माता-पिता के सम्मान में स्थापित एक ट्रस्ट था.
पंकज त्रिपाठी ने किया ये नेक काम
बता दें कि इस प्रोजेक्ट में स्कूल में कई सारे अच्छे बदलाव लाने का काम शामिल था, जिसमें बिजली के उपकरण और परिसर के लिए पेंट का नया कोट शामिल था. विकास के लिए पंकज त्रिपाठी के समर्पण के चलते पर्यावरण-अनुकूल सौर ऊर्जा पैनलों की स्थापना हुई, जिससे स्कूल में बिजली आपूर्ति हुई और बिजली में आत्मनिर्भरता आई. इन सुधारों के अलावा, पंकज त्रिपाठी के साहित्य और पुस्तकों के लिए गहन प्रेम ने उन्हें स्कूल परिसर के भीतर एक लाइब्रेरी खोलने के लिए भी इंस्पायर किया. वहीं ये लाइब्रेरी अब आने वाले सालों में छात्रों की पीढ़ियों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार है.
गांव में खोली लाइब्रेरी
लाइब्रेरी का खुलना काफी मायने रखता है क्योंकि पंकज त्रिपाठी ने अपने दिवगंत पिता के याद में यह नेक काम किया है. अपने पिता की याद का सम्मान करते हुए पंकज ने स्कूल और उसके छात्रों को एक खास तोहफा दिया है. जिसमें सीखने और साहित्य के लिए प्रेम को बढ़ावा दिया गया है जो आगे भी कायम रहेगा.
पंकज त्रिपाठी ने क्या कहा?
इस बारे में बात करते हुए पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि "इस पुस्तकालय को अपने पिता पंडित बनारस तिवारी की स्मृति में समर्पित करते हुए मैं बेलसंड, गोपालगंज के छात्रों के दिलों में ज्ञान और साहित्य के प्रति आजीवन प्रेम पैदा करने की उम्मीद करता हूं. शिक्षा सबसे बड़ा तोहफा है, जो हम हमारी आने वाले पीढ़ी को दे सकते हैं और उनकी सीखने की यात्रा में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है."
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