मुंबई: बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा हरियाणा के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कैंपेन का चेहरा अब नहीं रहीं. नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर उनके द्वारा किए गए पिछले कुछ ट्वीट्स को इस निर्णय की वजह बताया जा रहा है. अभिनेत्री ने 17 दिसंबर को ट्वीट कर कहा था, "जब भी एक नागरिक अपना विरोध करना चाहेगा और यह सब होगा तो सीएए को भूलो, हमें चाहिए कि ऐसा बिल पास करे, जिसमें हम देश को आगे से लोकतांत्रिक ना बता पाएं! अपनी बात कहने के लिए मासूम लोगों को मारना बर्बता है."


इंडिया टाइम्स डॉट कॉम के अनुसार, बॉलीवुड अदाकारा परिणीति हरियाणा सरकार के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कैंपेन का चहरा थीं, जिन्हें अब हटा दिया गया है. हालांकि, अभी तक इस समाचार की पुष्टि नहीं हो पाई है. संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (कानून) बन चुका है.


इसके माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों हिंदु, सिख, बुद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. परिणीति पहली ऐसी अभिनेत्री नहीं हैं, जिनको काम से निकाला गया है. हाल ही में टीवी क्राइम सीरीज 'सावधान इंडिया' के हॉस्ट सुशांत सिंह को भी स्टार भारत चैनल ने बाहर का रास्ता दिखाया है.


नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में मुंबई में हुई रैली में शिरकत करने के एक दिन बाद ही सुशांत को हटाया गया था. हालांकि चैनल ने इन आरापों से इनकार कर दिया था. इस बारे में सुशांत ने ट्वीट कर कहा था, "और 'सावधान इंडिया' के साथ मेरा कार्यकाल खत्म." एक ट्विटर यूजर ने उनसे पूछा, "सत्य बोलने के लिए क्या यह कीमत आपको चुकानी पड़ी?"


इसके जवाब में सुशांत ने लिखा, "एक बहुत छोटी सी कीमत मेरे दोस्त. नहीं तो तुम कैसे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का सामना कर पाओगे?"