नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल की जिंदगी पर बनी डॉक्यूमेंट्री-ड्रामा फिल्म 'एन इन्सिगनिफिकेंट मैन' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसकी कल सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने फ़िल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है।


याचिकाकर्ता का कहना है फ़िल्म में केजरीवाल को पब्लिसिटी देने के लिहाज से नवंबर 2013 में कॉन्सटीयूशन क्लब में केजरीवाल पर स्याही फेंकने का दृश्य दिखाया गया है। स्याही फेंकने वाले शख्श नचिकेता वाघरेकर को दोषी के तौर पर दिखाया गया है, जबकि अभी ये मामला निचली अदालत में पेंडिंग है।


याचिकाकर्ता की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट सेंसर बोर्ड को निर्देश दे कि वो फ़िल्म की रिलीज पर रोक लगाए। सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर राजनेता बने अरविंद की कहानी को दिखाने वाली ये फ़िल्म अमेरिकी कंपनी वाइस ने बनाई है। फ़िल्म भारत में 17 नवंबर को रिलीज होगी।


इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट में फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. वकील भाविक सोमानी ने ये याचिका लगाई थी. उन्होंने गुजरात के विधानसभा चुनावों को मद्देनजर रखते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग की थी.


ये पहली बार नहीं है दब ये फिल्म कुछ मुश्किलों का सामना कर रही है, इससे पहले जब पहलाज निहलानी सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पद पर थे तब उन्होंने इस फिल्म से ऐतराज जताया था.


निहलानी ने फिल्म की रिलीज के लिए प्रोड्यूसर्स से कहा था कि पहले वो पीएम मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से पहले एनओसी लेकर आएं उसके बाद ही फिल्म रिलीज होगी. हालांकि, बाद में फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण फिल्म को मंजूरी दे दी थी.