स्वामी दर्शन भारती की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म हिंदुओं के तीर्थ पर ‘‘भद्दा धब्बा’’ है. जनहित याचिका में लगाये गए आरोपों में से एक यह भी है कि फिल्म में भगवान केदारनाथ का अपमान किया गया है.
जनहित याचिका में यह भी दावा किया गया है कि फिल्म के ट्रेलर में यह भी दिखाया गया है कि मुस्लिम क्षेत्र में सदियों से रह रहे हैं जबकि उस समुदाय से वहां कोई निवासी नहीं है.
निर्माताओं ने दी सफाई
ये पहली बार नहीं है जब फिल्म को लेकर इस प्रकार के आरोप लग रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर रिलीज से पहले ही फिल्म पर लव-जेहाद की कहानी दिखाने का आरोप लगा था. उस दौरान फिल्म के निर्माताओं ने अपनी ओर से सफाई भी पेश की थी. 'केदारनाथ' के ट्रेलर लॉन्च के अवसर पर रोनी स्क्रूवाला और निर्देशक अभिषेक कपूर ने फिल्म का बचाव किया था.
स्क्रूवाला ने कहा, "पहली बात, आज तक किसी ने भी ऐसी किसी बात को लेकर हमसे संपर्क नहीं किया जिसकी हम सफाई दें. दूसरी बात हमारा काम फिल्म को फिल्म प्रमाणन की शीर्ष संस्था सीबीएफसी से प्रमाणित कर इसे रिलीज कराना है और तीसरी बात, हम सब रचनात्मक लोग हैं और सबसे पहले हम भारतीय हैं. मुझे नहीं लगता कि हम किसी की भावनाएं आहत करेंगे."
भाजपा के एक नेता ने पिछले सप्ताह सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को पत्र लिखकर 2013 में हिंदू तीर्थ स्थल केदारनाथ में आई त्रासदी पर बनी इस फिल्म पर ध्यान दिलाया था. फिल्म में एक मुस्लिम व्यक्ति एक हिंदू लड़की से प्यार करने लगता है.
स्क्रूवाला ने लोगों से कोई राय कायम करने से पहले फिल्म देखने की अपील की. आपको बता दें कि फिल्म इसी शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है. फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत और सारा अली खान मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे. फिल्म 2013 की केदारनाथ बाढ़ की पृष्ठभूमि में बनी है.