अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता का हल करने के लिए उचित संस्था निर्वाचन आयोग है जो कि एक संवैधानिक निकाय है. चुनाव आयोग को ही यह तय करना चाहिए कि आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर फिल्म की रिलीज चुनाव के दौरान किसी विशेष राजनीतिक पार्टी को फायदा या उसके लिए झुकाव तो पैदा नहीं करती.
फिल्म में मोदी का किरदार निभा रहे अभिनेता विवेक ओबरॉय नेसुप्रीम कोर्ट के रुख की सराहना की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आप सभी के आशीर्वाद, समर्थन और प्यार के साथ आज हमने माननीय सुप्रीम कोर्ट में जीत दर्ज की है. आप सभी का और लोकतंत्र में हमारे विश्वास को बरकरार रखने के लिए भारतीय न्यायपालिका का विनम्र धन्यवाद." फिल्म के निर्माताओं में से एक संदीप एस. सिंह ने कहा, "इस न्याय के लिए भारत की सम्माननीय न्यायिक प्रणाली का धन्यवाद."
ये है सुप्रीम कोर्ट का रुख..
फिल्म पर बैन लगाने की याचिका पर चीफ जस्टिस ने कहा, "फ़िल्म देखना हमारा काम नहीं है. इसके लिए केंद्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड नाम की वैधानिक संस्था है. उसने अभी तक फ़िल्म को सर्टिफिकेट भी जारी नहीं किया, आप रोक की मांग कर रहे हैं."
कोर्ट ने आगे कहा, "हम फ़िल्म के ट्रेलर को भी देखने की ज़रूरत नहीं समझते. 2 मिनट के ट्रेलर से फ़िल्म के बारे में सही सही नहीं बताया जा सकता है. याचिकाकर्ता की दलील है कि इससे अचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है. लेकिन ये देखना चुनाव आयोग का काम है. याचिका को खारिज करते हैं."
पहले ये फिल्म 5 अप्रैल को ही देश भर में रिलीज होने वाली थी लेकिन फिल्म की रिलीज को लेकर उठे विवाद के कारण मेकर्स ने इस फिल्म की रिलीज को पोस्टपोन कर 11 अप्रैल कर दिया है. हालांकि इस फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट नहीं दिया है और जब तक सेंसर प्रक्रिया पूरी नहीं हो होगी ये फिल्म बड़े परदे पर रिलीज नहीं होगी.
आपको बता दें कि फिल्म में अभिनेता विवेक ओबेरॉय मोदी की भूमिका में हैं. इसमें बोमन ईरानी, दर्शन कुमार, वहीदा रहमान, मनोज जोशी और बरखा बिष्ट-सेनगुप्ता भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं.