जानें- कैसी है सनी-बॉबी देओल की फिल्म 'पोस्टर ब्वॉयज', पढ़ें रिव्यू
आपको बताते हैं कि इस फिल्म को समीक्षकों ने कैसा बताया है और कितनी रेटिंग दी है.
बॉलीवुड के जाने माने समीक्षक अजय ब्रहमात्ज ने इस फिल्म को तीन रेटिंग देते हुए लिखा है, ''श्रेयस तलपड़े ने फिल्म को कॉमिकल ढांचे में रखा है. देओल बंधु अपनी छवियों से निकल कर साधारण किरदारों को निभाते हैं. श्रेयस ने उन्हें सहज रखा है. सनी देओल की फिल्मों और मशहूर संवादों के रेफरेंस आते हैं. एक संवाद में उन्हें धर्मेन्द्र का बेटा भी बताया जाता है. तात्कालिक लाभ और मजाक के लिए लेखक-निर्देशक फिल्मों के लोकप्रिय रेफरेंस इस्तेमाल करते हैं. ऐसी फिल्में एक समय के बाद मजेदार नहीं लगतीं,क्योंकि नए दर्शक उन फिल्मों और संवादों से वाकिफ नहीं होते.'' आगे उन्होंने लिखा है, ''‘पोस्टर ब्वॉयज’ में देओल बंधुओं ने हंसोड़ किरदार को निभाने का पूरा यत्न किया है. वे इस यत्न में सफल भी होते हैं.''
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में इस फिल्म को 2.5 स्टार देते हुए रोहित वत्स ने लिखा है कि ''फिल्म जिस थीम के साथ शुरू होती है कि किस तरह बेटे की चाहत में जनसंख्या बढ़ती जा रही है, वो दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती है. श्रेयस तलपड़े ने इसमें ऐसा माहौल तैयार किया जो आपको रोहित शेट्री ब्रांड की फिल्मों की याद दिला दे लेकिन इसमें कॉमेडी के लिए आपको काफी इंतजार करना पड़ता है.'' आगे उन्होंने लिखा है कि ''ये फिल्म कहीं-कहीं आपको हंसाती भी है लेकिन आपको अगले जोक का काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है और जब तक नया मजाक आ नहीं जाता तब एक ही जोक सुनाकर पका दिया जाता है.''
आज तक की वेबसाइट पर आर जे आलोक ने इस फिल्म को दो स्टार देते हुए लिखा है, ''चार साल बाद बॉबी देओल ने बड़े परदे पर वापसी की है. फिल्म का प्लाट काफी कमजोर है, जबकि ये बहुत ही अच्छी कॉमेडी फिल्म बन सकती थी. फिल्म एक वक्त के बाद काफी दिशाहीन भी लगने लगती है. फिल्म में 80 के दशक के जोक्स इस्तेमाल किये गए हैं. इनमें बहुत कम ऐसी जगहें हैं, जहां आपको हंसी आती है. स्क्रीनप्ले भी बहुत हिला-डुला है. इसे दुरुस्त किया जा सकता था, क्योंकि नसबंदी की जो बात पहले से ट्रेलर में दिखाई जा चुकी थी, उसे ही छुपा-छुपाकर इंटरवल तक खींचा गया है.''