फिल्म - साहो


निर्देशक - सुजीत रेड्डी


स्टारकास्ट - प्रभास , श्रद्धा कपूर, जैकी श्रॉफ, चंकी पांडे, नील नितिन मुकेश, मुरली शर्मा, महेश मांजरेकर और टीनू आनंद


रेटिंग- ** (2 Stars)


कहते हैं कि किसी के लिए भी सफल होना शायद उतना मुश्किल न हो लेकिन सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद उसे बरकरार रखना बहुत जरूरी है. प्रभास ने 'बाहुबली' से सफलता की जिन ऊंचाइयों को हासिल किया है उनके लिए उसे बरकरार रख पाना एक बड़ा चैलेंज है. आज बाहुबली के करीब 2 साल बाद प्रभास एक बार फिर स्क्रीन पर लौटे हैं अपनी नई फिल्म 'साहो' के साथ.


फिल्म बाहुबली की ही तरह साहो की शूटिंग भी प्रभास ने काफी लंबे समय में पूरी की है. प्रभास ने करीब 2 साल इस एक फिल्म को दिए हैं. फिल्म का निर्देशन सुजीत रेड्डी ने किया है. इससे पहले सुजीत ने एक फिल्म का निर्देशन किया था 'रन राजा रन' इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था. वहीं, प्रभास स्टारर बाहुबली के नाम भी कई रिकॉर्ड दर्ज हैं.


 प्रभास और सुजीत रेड्डी की जोड़ी पहली बार एक साथ आई है, ऐसे में दर्शकों की उम्मीदें हाई होना लाजमी है. लेकिन फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरने में जरा नाकामयाब दिखती है. फिल्म में वैसे तो एक हिंदी मसाला फिल्म की तरह एक्शन, कॉमेडी, रोमांस और रिवेंज सब है लेकिन फिर भी ये आपके दिल तक पहुंचने में नाकामयाब नजर आती है.



कहानी


किसी भी फिल्म के लिए कहानी सबसे अहम है. अगर फिल्म की कहानी अच्छी है तो कम बजट में भी फिल्म बड़ा कमाल कर जाती है. लेकिन इस फिल्म में एक्शन और मेलो ड्रामा तो खूब है, बस कहानी कमजोर नजर आ रही है. फिल्म की पूरी कहानी एक रिवेंज ड्रामा है. शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को ये समझने में काफी मुश्किल होती है कि आखिर फिल्म में हो क्या रहा है?


फिल्म की कहानी 'साहो' की है लेकिन आपको इंटरवल तक ये ही नहीं पता चल पाता की साहो कौन है? कहानी शुरू होती है चोरी की कुछ घटनाओं से जिसे सुलझाने के लिए एक ट्रेन्ड पुलिस अफसर अशोक (प्रभास) आता है. यहां उसकी मुलाकात एक और होनहार ऑफिसर अमृता नायर (श्रद्धा कपूर) से होती है. दोनों ही अनाथ हैं और केस सुलझाने के दौरान एक दूसरे के करीब आ जाते हैं. इसके बाद विलेन की एंट्री होती है.


इस फिल्म की कहानी में सबसे मजेदार यही है कि अंत तक आपके लिए ये तय कर पाना मुश्किल होता है कि आखिर विलेन है कौन? फिल्म में प्रभास का डायलॉग 'जो दिखता वो होता नहीं और जो होता है वो दिखता नहीं' इस फिल्म को सही तरीके से जस्टिफाई करता है. फिल्म में एक या दो नहीं बल्कि कई विलेन दिखाए गए हैं, जिनमें चंकी पांडे, नील नितिन मुकेश, मुरली शर्मा, महेश मांजरेकर और टीनू आनंद जैसे कई कलाकार हैं.



फिल्म में साहो के पिता रॉय (जैकी श्रॉफ) की हत्या हो जाती है. इस हत्या का बदला लेने के साहो अपनी जिंदगी खतरे में डालता है और कुछ देर के लिए अपने प्यार अमृता से भी दूर हो जाता है. फिल्म में साहो कौन है और क्या वो अपना बदला पूरा कर पाता है इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी. इसकी कहानी में इतने ट्विस्ट्स एंड टर्न्स हैं कि दर्शक अंत तक इसे समझने के लिए जूझते नजर आते हैं.



डायरेक्शन 


फिल्म के निर्देशन की बात करें तो इसमें सुजीत रेड्डी कहीं न कहीं कमजोर नजर आ रहे हैं. बतौर निर्देशक वो कहानी को एक धागे में पिरोने और उसे मनोरंजक अंदाज में दर्शकों के सामने परोसने में कामयाब होते नहीं दिखाई दिए. फिल्म की कहानी को ज्यादा क्रिस्पी बनाने के चक्कर में इतने ट्विस्ट डाले गए हैं कि इनमें कहानी कहीं खो गई है. फिल्म में वी इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है. कुछ एक इफेक्ट्स अच्छे हैं लेकिन ज्यादातर इफेक्ट्स को लार्जर देन लाइफ बनाने के चक्कर में वो असलियत से इतने दूर चले गए कि दर्शकों के लिए उनसे कनेक्ट कर पाना मुश्किल हो गया है.



एक्टिंग


फिल्म में श्रद्धा कपूर और प्रभास को छोड़कर हर एक कलाकार ने अपने किरदार को बखूबी पर्दे पर उतारा है. एक्शन सीन्स को तो ये दोनों फिर भी कहीं न कहीं कवर कर लेते हैं लेकिन इमोशनल सीन्स में इनके एक्सप्रेशन्स एकदम फीके और फ्लैट नजर आते हैं. खासतौर पर अगर प्रभास की बात करें तो अपने चेहरे पर भाव लाने में एकदम असफल दिखे हैं.


एक्शन


साहो एक एक्शन फिल्म है इसलिए दर्शकों को इस फिल्म से बहुत उम्मीदें हैं. फिल्म के एक एक्शन सीक्वेंस के लिए 70 करोड़ रुपए तक खर्च किए जाने तक का दावा किया गया है. फिल्म का कुल बजट भी करीब 350 करोड़ तक पहुंच गया है. फिल्म में यूं तो कई एक्शन सीक्वेंस आपको देखने को मिलेंगे लेकिन एक या दो को छोड़ दें तो ज्यादातर सीन्स आपको इंप्रेस नहीं कर पाते. फिल्म की रिलीज से पहले दावा किया जा रहा था कि ये फिल्म हॉलीवुड की एक्शन फिल्मों को टक्कर देती है. हॉलीवुड तो छोड़िए फिल्म बाहुबली तक के एक्शन सीक्वेंसेस को टक्कर नहीं दे पा रही है.



म्यूजिक


फिल्म के संगीत की बात करें तो ये दर्शकों के दिलों तक पहुंचने में नाकामयाब रहा है. फिल्म के म्यूजिक एल्बम में चार गाने हैं जिनमें से दो को दर्शकों ने एकदम नकार दिया है. फिल्म का गाना 'साइको सइयां' और रोमांटिक ट्रैक इन्नी सोहनी को फैंस को पसंद आए हैं. लेकिन बैड बॉय और बेबी वॉन्ट यू टेल मी को दर्शकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला.


क्यों देखें?




  • अगर आप प्रभास के फैन हैं और लंबे समय से उन्हें बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं.

  • फिल्म के कुछ एक्शन सीक्वेंस अच्छे हैं जो आपको हॉलीवुड फिल्म 'फास्ट एंड फ्यूरियस' के कुछ सीक्वेंसेस की याद दिला सकते हैं.

  • फिल्म के वी इफेक्ट्स भी काफी प्रभावी हैं और वो आपको कुछ वक्त के लिए अच्छे लग सकते हैं.


क्यों न देखें?

  • अगर आप इस फिल्म से बाहुबली जैसी किसी उम्मीद के साथ देखने जा रहे हैं तो आपके हाथ निराशा लग सकती है.

  • फिल्म में कहानी एकदम कमजोर और बहुत स्लो है. कहानी के नाम पर आपको सिर्फ एक्शन देखने को मिलेगा.

  • अगर आप एक्शन फिल्मों को ज्यादा पसंद नहीं करते हैं तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है.