(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
निर्माता से लड़कर Pradeep Sarkar ने Parineeta में की थी Vidya Balan की कास्टिंग, एक्ट्रेस बोलीं- '6 महीने तक दिया था टेस्ट'
प्रदीप सरकार ने 2005 में विद्या बालन के साथ अपनी पहली फिल्म 'परिणीता' बनाई. प्रदीप सरकार को अपनी फिल्म के लिए विद्या बालन की एक्टिंग पर पूरा भरोसा था.
Pradeep Sarkar Fight For Vidya Balan: दिवंगत फिल्म निर्देशक प्रदीप सरकार ने 2005 में विद्या बालन के साथ अपनी पहली फिल्म 'परिणीता' बनाई. प्रदीप सरकार को अपनी फिल्म के लिए विद्या बालन की एक्टिंग पर पूरा भरोसा था. प्रदीप सरकान ने इस फिल्म में विद्या बालन को कास्ट करन के लिए इसके निर्माता विधु विनोद चोपड़ा से लड़ गए थे. यह विद्या बालन का पहला फिल्म प्रोजेक्ट था और इससे पहले एक्ट्रेस को काफी रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था.
सिमी गरेवाल के साथ बातचीत में विद्या ने साझा किया था कि "दादा को यकीन था कि मैं लोलिता थी, मिस्टर चोपड़ा को नहीं." बता दें कि प्रदीप सरकार का शुक्रवार की सुबह 67 वर्ष की आयु में निधन हो गया. फिल्मों में काम करने से पहले विद्या ने बड़े पैमाने पर विज्ञापनों में काम किया और यहां तक कि कुछ संगीत वीडियो में भी दिखाई दीं.
विद्या के लिए विधु चोपड़ा से लड़ गए थे सरकार
उन्होंने यूफोरिया के 'कभी आना तू मेरी गली' में सरकार के साथ काम किया और कहा "इससे मुझे परिणीता मिली." उन्होंने कहा, “वह प्रदीप सरकार के साथ मेरा वीडियो था. मैंने उनके साथ कुछ विज्ञापन किए थे, लेकिन वीडियो के माध्यम से उन्हें एहसास हुआ कि वह मुझे वैसे ही ढाल सकते हैं, जैसा वह चाहते हैं.”
विद्या ने कहा कि भूमिका निभाने से पहले उन्हें "छह महीने के लिए टेस्ट किया गया था.'' संगीतकार शांतनु मोइत्रा के अनुसार, उनका 75 बार टेस्ट किया गया था, लेकिन प्रदीप इस बात पर अड़े थे कि विद्या सही विकल्प थीं. 53वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में, प्रदीप सरकार ने परिणीता के लिए एक निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार जीता. लेकिन इस फिल्म को लेकर विद्या बालन के विधु विनोद चोपड़ा के साथ अच्छे संबंध नहीं थे.
प्रदीप सरकार को मानती थी पिता समान
डीएनए के साथ बाचतीच में विद्या ने कहा कि उन्होंने प्रदीप सरकार और उनकी पत्नी को अपने "अभिभावक" के रूप में देखा और वह उनके साथ लड़ी जैसे वह अपने पिता के साथ लड़ती है. उन्होंने कहा, “लेबल लगाए बिना, दादा और उनकी पत्नी मेरे अभिभावक की तरह हैं. अगर मैं किसी पर निर्भर हो सकती हूं तो वह वह हैं. मैं दादा के साथ प्यार-नफरत का रिश्ता साझा करती हूं. मैं उनसे लड़ती हूं, जिस तरह मैं अपने पिता से लड़ती हूं. वह अप्रभावित है क्योंकि काम के अलावा उसके लिए कुछ भी मायने नहीं रखता है.”
प्रदीप सरकार का शुक्रवार तड़के निधन हो गया. नीतू चंद्रा ने को बताया, “उन्हें देर रात एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह लंबे समय से ठीक नहीं चल रहे थे, वह डायलिसिस पर थे और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी थीं. उनका अंतिम संस्कार सांताक्रूज में किया गया.”