दीपिका के JNU जाने पर प्रकाश जावड़ेकर बोले- सिर्फ कलाकार ही नहीं, कोई भी विचार प्रकट करने कहीं भी जा सकता है
दीपिका पादुकोण जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले के बाद अपनी एकजुटता दिखाने के लिए बीती रात जेएनयू पहुंची थीं, हालांकि उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित नहीं किया. वो सिर्फ जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष से मुलाकात कर वहां से लौट गई थीं.
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने को लेकर उठे विवाद के बीच सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सिर्फ कलाकार ही क्यों, कोई भी आम आदमी अपने विचार प्रकट करने के लिए कहीं भी जा सकता है और इसमें कहीं कोई आपत्ति नहीं हो सकती.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जावड़ेकर ने सवाल के जवाब में कहा, "यह लोकतांत्रिक देश है. कोई कलाकार ही क्यों, कोई भी सामान्य व्यक्ति कहीं जा सकता है, अपनी राय रख सकता है. इसमें कोई आपत्ति नहीं, कभी किसी ने आपत्ति की भी नहीं." इस बारे में कई सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं भाजपा का मंत्री भी हूं और प्रवक्ता भी और मैं यह बात कह रहा हूं.
Union Minister Prakash Javadekar on a social media campaign to boycott Deepika Padukone's movie #Chhapaak after she joined JNU students at protest y'day: This is a democratic country, anyone,any artist can go anywhere and put forth his or her view. pic.twitter.com/zIBFzlQ87i
— ANI (@ANI) January 8, 2020
बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रों पर हुए हमले के बाद अपनी एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को जेएनयू पहुंची, लेकिन उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित नहीं किया. 34 साल की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण राष्ट्रीय राजधानी में अपनी अपकमिंग फिल्म ‘छपाक’ के प्रमोशन के लिए आईं थीं. उनके जेएनयू जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. एक वर्ग ने इसकी आलोचना की, जबकि दूसरे वर्ग ने इसे सराहा.
बहरहाल, जावड़ेकर ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि देश के किसी हिस्से में कहीं भी हिंसा हो, तब हम उसकी भर्त्सना करते हैं. हमारा परिपक्व लोकतंत्र है और सभी को अपनी राय रखने का अवसर है. इसलिये हिंसा का देश में कोई स्थान नहीं है. सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसा स्थान होता है जहां लोग पढ़ने जाते हैं, ऐसे में हिंसा का वहां कोई स्थान नहीं है.
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जावड़ेकर ने कहा कि जेएनयू में सेमेस्टर का पंजीकरण का कार्य शुरू हुआ था और सभी छात्र यह कर रहे थे. तब कुछ छात्र संघों ने तय किया कि इसे नहीं होने देंगे. सभी ने देखा कि किस तरह से सर्वर को ब्लॉक किया गया. यह शिक्षा विरोधी कार्य है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छात्रों को सेमेस्टर के लिये पंजीकरण कराने से रोकना शिक्षा विरोधी कार्य है. जेएनयू हिंसा के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हिंसा में कौन शामिल हैं, इसकी पुलिस जांच कर रही है. सभी नकाबपोश, बेनकाब होंगे.