मुंबई: सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि फिल्म ‘पद्मावत’ में बोर्ड ने 300 कट लगाए हैं. जोशी ने कहा, "निर्माताओं ने पांच बदलावों के साथ फिल्म के अंतिम स्वरूप को जमा करा दिया है. इन संशोधनों के जरिए सलाहकार समिति की टिप्पणियों और सुझावों और समाज की भावनाओं को ध्यान में रखने की कोशिश की गई है. सीबीएफसी को इस बारे में पहले ही सूचित किया गया था और फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट दिया गया है."


जोशी ने बताया, "सीबीएफसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कट को लेकर आ रही खबरें झूठी हैं. सीबीएफसी का नाम अनावश्यक रूप से बदनाम न करें." उन्होंने कहा, "एक अखबार ने बताया था कि सीबीएफसी की मांगों को पूरा करने के लिए, बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशकों में से एक (भंसाली) परेल के राजकमल स्टूडियो में संपादन की कुर्सी पर बैठे थे, जिन्होंने इस महान फिल्म के विशिष्ट स्थलों को ला ला लैंड में बदल दिया."


रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 'पद्मावत' के निर्देशक संजय लीला भंसाली को दिल्ली, चितौड़गढ़ और मेवाड़ के संबंध में फिल्म से सभी संदर्भो को हटाने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद खबरें आ रही थीं कि उन्होंने फिल्म में 300 से ज्यादा कट लगाए.


'पद्मावत' पहले एक दिसंबर को 'पद्मावती' के नाम से रिलीज होने वाली थी, लेकिन कथित रूप से ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोप में फिल्म लंबे समय से विवादों में चल रही है. सीबीएफसी ने एक विशेष सलाहकार समिति के साथ चर्चा की और पिछले माह फिल्म देखी थी. बोर्ड ने फिल्म को पांच बदलावों और दो डिस्कलैमर के साथ यू/ए सर्टिफिकेट दिया.


फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होगी, लेकिन राजस्थान सरकार का कहना है कि राज्य में फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा. राजपूत संगठन करणी सेना ने 'पद्मावत' के निर्माताओं को 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है.