अखबार एजेंसी में की नौकरी, फिर ये एक्टर बना बॉलीवुड का टॉप विलेन, देखते ही अपनी बहू-बेटियों को छिपा लेते थे लोग
Prem Chopra: प्रेम चोपड़ा ने बॉलीवुड का टॉप विलेन बनकर खूब शोहरत बटोरी. हालांकि पहले वे एक न्यूज एजेंसी में काम करते थे लेकिन किस्मत ने ऐसी पलटी खाई कि वे बॉलीवुड पहुंच गए थे.
Prem Chopra Films: किसी भी फिल्म को सक्सेफुल बनाने में हीरो के साथ ही विलेन का भी अहम रोल होता है. बॉलीवुड में तो कईं ऐसे स्टार्स रहे हैं जिन्होंने विलेन के अपने यादगार किरदारों से ना केवल दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया बल्कि उनके दिलों में भी जगह बनाई. आज हम एक ऐसे ही एक्टर के बारे में बताएंगे जो 80 की उम्र पार करने के बाद भी फिल्मों में काम कर रहा है.
इस एक्टर के ऑन-स्क्रीन किरदार की वजह से लोग उन्हें रियल लाइफ में भी देखकर अपनी पत्नियों को छिपा लेते थे. इस विलेन के कुछ आइकॉनिक डायलॉग भी हैं, लेकिन उनका सबसे फेमस डायलॉग था "प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा." अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किस एक्टर के बारे में बात करे रहे हैं. जी हां ये कोई और नहीं बॉलीवुड के बेहद फेमस विलेन रहे प्रेम चोपड़ा ही हैं जो बॉलीवुड के टॉप विलेन रहे हैं.
प्रेम चोपड़ा को पिता ने दिया था ये सुझाव
प्रेम चोपड़ा रणबीर लाल और रूपरानी चोपड़ा की छह संतानों में से तीसरे नंबर पर थे. 23 सितंबर, 1935 को लाहौर में जन्मे प्रेम और उनका परिवार विभाजन के बाद शिमला चले गए थे. जब प्रेम पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बनें, लेकिन उनका रुझान सिनेमा की ओर था और वह फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए बॉम्बे जाने का सपना देखा करते थे. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में प्रेम ने अपनी ख्वाहिशों पर अपने पिता के रिएक्शन का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था, "जब मैं शिमला से मुंबई आया, तो मेरे पिता ने कहा, 'मैं बाधा नहीं बनना चाहता, लेकिन मैं चाहता हूं कि आप जानें कि यह अभिनय एक सुरक्षित पेशा नहीं है, इसलिए अगर आप मुंबई जाना चाहते हैं तो आपको रोजगार ढूंढना होगा.''
प्रेम चोपड़ा ने न्यूज पेपर एजेंसी में की जॉब
प्रेम ने अपने पिता के सुझाव को गंभीरता से लिया और फिर बम्बई पहुंचकर उन्हें टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन विभाग में नौकरी मिल गयी. प्रेम बंगाल, उड़ीसा और बिहार देखा करते थे और उन्हें महीने में 20 दिन टूर पर जाना पड़ता था. प्रेम ने अपने दौरे के समय में कटौती करने के लिए अपने एजेंटों को फोन किया और स्टेशन पर ही उनसे मिलने के लिए कहा ताकि वह जल्दी वापस लौट सकें. जिस टूर में आम तौर पर 20 दिन लगते थे वह 12 दिनों में पूरा हो जाता था और बाकी समय प्रेम एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो जाने में बिताते थे. उनके बॉस ने उनके सपनों को समझा और उनका सपोर्ट भी किया
प्रेम की लीड हीरो के तौर पर पंजाबी फिल्म आई थी
इंटरव्यू के दौरान प्रेम ने खुलासा किया कि ऐसी ही एक ट्रेन यात्रा के दौरान, उन्हें उनकी पहली पंजाबी फिल्म, ‘चौधरी करनैल सिंह’ लीड एक्टर के तौर पर ऑफर की गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेम को इस फिल्म के लिए 2500 रुपये मिले थे. चौधरी करनैल सिंह की रिलीज से पहले प्रेम की मां चल बसी थीं. प्रेम की मां को मुंह का कैंसर था और दुर्भाग्य से वह अपने बेटे को बड़े पर्दे पर देख न सकी थीं.
बॉलीवुड में फेमस होने के बाद भी प्रेम ने नहीं छोडी थी नौकरी
‘चौधरी करनैल सिंह’ को बड़ी सफलता मिली और इसने पंजाबी में बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता. इस फिल्म के बाद प्रेम को बॉलीवुड से ऑफर मिलने लगे थे. भारत भूषण स्टारर फिल्म ‘मुड़ मुड़ के ना देख’ से प्रेम चोपडा ने बॉलीवुड में डेब्यू किया. हालांकि, ‘शहीद’ को छोड़कर, उनकी शुरुआती फ़िल्में, जिनमें उन्होंने पॉजिटिव किरदार निभाए थे, असफल रहीं. फिल्मों में आने के बाद भी प्रेम ने टीओआई की नौकरी नहीं छोड़ी थी.
फिल्म ‘मैं शादी करने चला’ के दौरान ही किसी ने उन्हें खलनायक की भूमिका निभाने का सुझाव दिया, और इसे उन्होंने सीरियसली लिया. फिर क्या था विलेन के तौर पर फिल्मों में उनकी गाड़ी चल निकली तीसरी मंजिल और उपकार के बाद, उनके पास खलनायक के रूप में फिल्मों की बाढ़ आ गई. 1967 में उपकार के बाद, उन्होंने पूरी तरह से अभिनय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया छोड़ दिया थाय.
प्रेम चोपड़ा ने विलेन के किरदार में कईं हिट फिल्में दी
‘तीसरी मंजिल’, ‘उपकार’ और ‘बॉबी’ में प्रेम के शानदार अभिनय ने दर्शकों के मन में उनके लिए डर पैदा कर दिया था. प्रेम ने एक ऐसी घटना के बारे में बताया जिससे वह खुश भी थे और शर्मिंदा भी. उन्होंने कहा था "एक बार मैं अपने पापाजी के साथ पंचकुला के बगीचों में घूम रहा था. जब लोगों ने मुझे देखा, तो वे चिल्लाने लगे, 'अपनी पत्नियों को छिपाओ, प्रेम चोपड़ा यहाँ हैं' !' मेरे पिता आश्चर्यचकित थे, क्योंकि उन्हें लगा कि मैं एक स्टार बन गया हूं. मैंने अपने पिता से उन्हें फोन करने की रिक्वेस्ट की और उन्हें भरोसा दिलाया कि मैं वास्तव में एक अच्छा लड़का हूं.''
प्रेम चोपड़ा की फिल्में
60 साल के करियर में प्रेम ने 380 से ज्यादा फिल्में की हैं. उनके नाम राजेश खन्ना की 19 फिल्मों में मुख्य खलनायक की भूमिका निभाने का रिकॉर्ड है. 88 वर्षीय एक्टर हाल ही में रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ में नजर आए थे.
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