संयुक्त राष्ट्र: भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को कश्मीर पर उनके रुख की वजह से यूनिसेफ के सद्भावना दूत के पद से हटाये जाने की पाकिस्तान की मांग के बीच संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा है कि प्रियंका को खुद से संबंधित मुद्दों पर निजी तौर पर बोलने का अधिकार है.


दुजारिक का बृहस्पतिवार का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी ने कहा था कि कश्मीर पर भारत सरकार की नीतियों का समर्थन करने वाली चोपड़ा को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के सद्भावना दूत पद से हटा देना चाहिए.


यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरिटा एच फोर को बुधवार को लिखे पत्र में मजारी ने आरोप लगाया कि चोपड़ा भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘परमाणु युद्ध’’ की पक्षधर हैं.





संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता दुजारिक ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं यही कह सकता हूं कि किसी भी सद्भावना दूत के लिये चाहे वह चोपड़ा हों या कोई और, हम उनसे यूनिसेफ या किसी अन्य संगठन की ओर से बोलते समय निष्पक्ष रहने की उम्मीद करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब वे निजी बातचीत करते हैं तो उन्हें खुद से संबंधित या किसी मुद्दे पर अपनी राय रखने का हक है. उनके निजी विचार उन एजेंसी पर नहीं पड़ने चाहिए जिनसे वे संबंद्ध हो सकते हैं.’’


दुजारिक से यह पूछा गया था कि भारतीय सेना के पक्ष में ट्वीट कर रहीं चोपड़ा क्या अब भी यूनिसेफ की सद्भावना दूत के पद पर बनी रहेंगी.


मजारी के इस पत्र से पहले अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान भी एक पाकिस्तानी महिला ने चोपड़ा पर चीखते-चिल्लाते हुए आरोप लगाया था कि अभिनेत्री उनके देश के खिलाफ परमाणु युद्ध को भड़का रही हैं. इस पाकिस्तानी महिला ने चोपड़ा के 26 फरवरी के उस ट्वीट का हवाला दिया जिसमें अभिनेत्री ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश ए मोहम्मद के ठिकाने पर भारतीय लड़ाकू विमानों की कार्रवाई के बाद वायुसेना को बधाई दी थी.


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