नई दिल्ली: पद्मावती फिल्म को लेकर चल रहा विवाद थम नहीं रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में आज भी फिल्म पर बैन की मांग को लेकर प्रदर्शन की तैयारी है. चित्तौड़गढ़, जयपुर, पटना, भोपाल में फिल्म पर फसाद हो रहा है.


प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी
मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य और पद्मिनी के वंशज विश्वराज सिंह का कहना है कि रानी पद्मिनी पर आधारित फिल्म ‘पद्मावती’ में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है जो स्वीकार नहीं है. रानी के वंशजों ने विरोध में प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है.


जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य और भाजपा विधायक राजकुमारी दीया कुमारी ने फिल्म ‘पद्मावती‘ के रिलीज का विरोध करने के लिए जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर से ‘हस्ताक्षर अभियान‘ की शुरुआत की.


अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा है कि वह इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे.


विरोध के बीच फिल्म के लिए आई अच्छी खबर
विरोध की खबरों के बीच राजस्थान के बूंदी से संजय लीला भंसाली के लिए राहत की खबर आई हैं. बूंदी राजघराने की महारानी मयूरी सिंह ने कहा, "अभी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई है, पहले फिल्म रिलीज़ हो और दर्शकों को दिखाई जाए. तभी इस बात का फैसला होग कि क्या सही है और क्या गलत है.''


यूपी से भी फिल्म पद्मावती के लिए अच्छी खबर आई है. यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ''जब कोर्ट का ऑर्डर आ गया है तो फिर कोई राज्य हो कोई भी सरकार को और पद्मावती हो या कोई और फिल्म हो उसे संरक्षण दिया जाएगा.''


विरोध करने वालों के आरोप क्या हैं ?
विरोध करने वालों के मुताबिक फिल्म पद्मावती में इतिहास को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है, अलाउद्दीन खिलजी का महिमामंडन किया जा रहा है. इनका आरोप है कि फिल्म में खिलजी और पद्मावती के बीच अंतरंग दृश्य दिखाया गया है.


निर्देशक क्या सफाई दे रहे हैं?
फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली कह चुके हैं कि खिलजी और पद्मावती के बीच फिल्म में ऐसा कोई सीन नहीं है. फिल्म पद्मावती एक दिसंबर को रिलीज होनी है और अभी तक उसे सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट नहीं मिला है, अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इतने विरोध के बाद फिल्म रिलीज हो पाती है या नहीं.