शबाना आजमी ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद उन्होंने और उनके पति जावेद अख्तर ने कराची में आयोजित होने वाले कैफी आजमी जन्मशती समारोह में शिरकत नहीं करने का फैसला किया है. कराची कला परिषद ने दो दिन के सहमारेह में शामिल होने के लिए उन्हें पाकिस्तान आमंत्रित किया था.
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शबाना ने ट्वीट किया, ‘‘जावेद अख्तर और मुझे कैफी आजमी जन्मशती समारोह में बुलाया गया था और वास्तव में हम इसका इंतजार कर रहे थे . मैं इस बात की सराहना करती हूं कि पुलवामा हमले के मद्देनजर हमारे मेजबान कराची कला परिषद ने इस समारोह को अंतिम क्षणों में रद्द करने पर सहमति जता दी है .'' उन्होंने इस हमले की निंदा की और कहा कि वह पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी हैं .
इसी को लेकर जावेद अख्तर ने भी ट्वीट कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और पाकिस्तान न जाने के फैसले के बारे में बताया. उन्होंने ट्वीट किया, 'कराची काउंसिल ने हमें न्योता भेजा था. मुझे और शबाना को दो दिन के लिए कराची जाना था कैफी आजमी और उनकी कविताओं पर होने वाले एक खास सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए. लेकिन हमने इसे कैंसल करने का फैसला लिया है. साल 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान कैफी साहब ने एक कविता लिखी थी 'और फिर कृष्णा ने अर्जुन से कहा..''.
बता दें कि पुलवामा में गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद 40 सीआरपीएफ जवानों में एक की पहचान राज्य के राजौरी जिले के नसीर अहमद के रूप में हुई है. जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) ने शुक्रवार को बंद व प्रदर्शन का आह्वान किया. नेशनल कांफ्रेंस, जम्मू ट्रांस्पोर्टर्स एसोसिएशन व बार एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है.