पंजाब सरकार ने फिल्म ‘शूटर’ पर रोक लगाते हुए उस पर हिंसा और जघन्य अपराधों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. ये फिल्म गैंगस्टर सुखा काहलवां के जीवन पर आधारित है. राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार रात फिल्म पर रोक लगाने के आदेश दिए.
बयान ने कहा, "पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने फिल्म ‘शूटर’ पर रोक लगाने का आदेश दिया है, जो कि गैंगस्टर सुखा काहलवां के जीवन पर आधारित है और हिंसा, जघन्य अपराध, वसूली, धमकी जैसे गलत कामों को बढ़ावा देती है."
सरकार ने कहा इस तरह की फ़िल्मों के जरिए बदमाशों को ग्लैमराइज़ करके हिंसा को बढ़ाने और यूथ को उस तरफ उकसाने का प्रयास है. ऐसी फिल्में पंजाब में कतई बर्दाश्त नहीं. CM अमरिंदर सिंह ने DGP दिनकर गुप्ता को फ़िल्म प्रोड्यूसर के.वी. ढिल्लो के खिलाफ कानूनी करवाई करने के आदेश दिए हैं.
CM ने फ़िल्म प्रमोटर, डायरेक्टर और ऐक्टर की भूमिका की भी जांच करने को कहा है. फ़िल्म का पोस्टर रिलीज़ होने के बाद ADGP इंटेलिजेन्स वरिंदर कुमार ने सरकार से फ़िल्म और इसके गानो पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिखा था.
कौन है सुखा क़ाहलवां:
गैंगस्टर सुखा क़ाहलवां पंजाब के दोआब क्षेत्र खासकर जालंधर और कपूरथला ज़िलों में सरगर्म था. 22 जनवरी 2015 में सुखा को पुलिस हिरासत में सरेराह पुलिस वालों के सामने NH-1 पर दूसरे गैंग ने गोलियों से भून दिया था. पुलिस सुखा को पेशी के लिए जालंधर जेल से पटियाला ले ज़ाया जा रहा था जब रास्ते में फगवाड़ा के पास गैंगस्टर विक्की गौंडर ने अपने साथियों के साथ पुलिस की गाड़ी रुकवाई और पुलिस के सामने सुखा को गोलियां मारकर उसकी लाश के पास भांगड़ा किया. पुलिस के हथियार गैंगस्टरों ने छीन लिए थे लिहाज़ा पुलिस मूक दर्शक बनकर सुखा की हत्या को देखती रही. सुखा पर हत्या, अपहरण और फिरौती के क़रीब 20 केस दर्ज थे. गैंगस्टर विक्की और सुखा पुराने साथी थे. एक ही गैंग चलाते थे, लेकिन बाद में दोनो ने अलग अलग गैंग बना लिए थे. गौंडर को पंजाब पुलिस ने राजस्थान बॉर्डर पर एक एंकाउंटर में मार दिया था.
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