नेपोटिज्म पर छिड़ी बहस के बीच भड़के फिल्मकार, बोले- 'आलिया -रणबीर से बेहतर एक्टर लाओ..'
सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद से ही इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इसे लेकर इंडस्ट्री दो धड़ों में बंटी हुई है. जहां एक पक्ष ये कहता दिख रहा है कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म है तो वहीं, दूसरा पक्ष का कहता है कि ये सिर्फ इस इंडस्ट्री में नहीं बल्कि हर एक इंडस्ट्री में मौजूद है.
सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद से ही इंडस्ट्री में नेपोटिज्म को लेकर बहस छिड़ी हुई है. इसे लेकर इंडस्ट्री दो धड़ों में बंटी हुई है. जहां एक पक्ष ये कहता दिख रहा है कि इंडस्ट्री में नेपोटिज्म है तो वहीं, दूसरा पक्ष का कहता है कि ये सिर्फ इस इंडस्ट्री में नहीं बल्कि हर एक इंडस्ट्री में मौजूद है.
इसे लेकर अब फिल्मकार आर बाल्की का रिएक्शन सामने आया है और उन्होंने नेपोटिज्म को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. आर बाल्की ने कहा, ''इसे नकारा नहीं जा सकता. ये हर जगह है और हर इंडस्ट्री में है. महिंद्रा, अंबानी और बजाज के बारे में सोचो क्या वो अपना किसी और के देंगे? क्या कोई ये कहेगा कि मुकेश अंबानी को अपना बिजनेस नहीं चलाना चाहिए बल्कि किसी और को दे देना चाहिए. समाज में ये हर जगह है. सब्जी वाला और ऑटो वाला भी अपना बिजनेस अपने बच्चों को ही देकर जाता है.''
बाल्की ने कहा, ''अब इस बीच ये सवाल उठता है कि क्या स्टार किड्स के पास ज्यादा एडवांटेज होती है? हां, हर एक चीज के कुछ फायदे और कुछ नुकसान होते हैं. लेकिन मैं एक सिंपल सा सवाल पूछता हूं. मुझे आलिया और रणबीर से बेहतर एक्टर लाकर दे दो, फिर मैं इस पर बहस करूंगा . किसी भी अच्छे अभिनेता को लेकर इस तरह की बात करना कि वो सिर्फ स्टार किड होने की वजह से यहां है, सही नहीं है. ''
उन्होंने माना कि इंडस्ट्री में स्टार किड्स को इंडस्ट्री में एंट्री करना आसाना होता है. उन्होंने कहा, ''हमें ये बात समझने की जरूरत है कि ऑडियंस बुरे एक्टर्स को प्यार नहीं करती. कई बार वो स्टार किड्स को पर्दे पर देखना चाहतें हैं. लेकिन इसका फायदा उन्हें सिर्फ पहले चांस में मिलता है. इसके बाद उन्हें इंडस्ट्री में खुद संघर्ष करना पड़ता है. मैं मानता हूं कि बाहरवाले के लिए इंडस्ट्री में एंट्री करने में थोड़ी परेशानी होती है. लेकिन टैलेंट को मौका मिल ही जाता है.''