(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Raaj Kumar Birth Anniversary: वो अभिनेता जिनके पर्दे पर 'जानी' कहते ही सिनेमा हॉल सीटियों और तालियों से गूंज उठता था
Raaj Kumar Birth Anniversary: आज मशहूर अभिनेता राज कुमार के जयंती के दिन हम आपको उनके बारे में 10 ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जो बहुत कम लोग जानते होंगे.
Raaj Kumar Birth Anniversary: राज कुमार चाहे पर्दे पर ये कहें कि "आपके पांव देखे, बहुत हसीं है, इन्हें ज़मीन पर मत उतारियेगा, मैले हो जायेंगे, या फिर गुस्से में ये कहें कि, '' जानी...हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे, पर बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी और वह वक्त भी हमारा होगा.'' हर बार ये डायलॉग्स सुनकर सिनेमा में हाल सीटियों और तालियों की गूंज भर जाती थी. डायलॉग डिलिवरी में कुशल राज कुमार ने फिल्म 'मदर इंडिया' से 'तिरंगा' अपने हर किरदार के साथ दर्शकों के दिल में अपने लिए एक खास जगह बनाई. 8 अक्टूबर 1926 को पाकिस्तान में कश्मीरी पंडित परिवार में जन्मे राजकुमार ने 'पाकीजा', 'वक्त', 'सौदागर' और तिरंगा जैसी फिल्मों से अपने अभिनय की अमिट छाप हिन्दी सिनेमाई पर्दे पर छोड़ी. आज उनकी जयंती है, ऐसे में पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी 10 ऐसी बातें जो बहुत कम लोगों को मालूम है.
1- राज कुमार का असली नाम कुलभुषण नाथ पंडित था.
2-अभिनेता बनने से पहले वह 1940 के दशक में मुंबई पुलिस में एक IAS उप-निरीक्षक थे.
3- वह एक बार मेट्रो सिनेमा में फिल्म देखने गए थे. वहां उन्हें अनुभवी फिल्म निर्माता सोहराब मोदी मिले. सोहराब मोदी ने उन्हें एक फिल्म में काम करने का ऑपर दिया. हालांकि राज कुमार ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया.
4- राज कुमार ने 1952 की फिल्म रंगीली से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी.
5- वह ऑस्कर-नामांकित 1957 की फ़िल्म मदर इंडिया में दिखाई दिए और चार दशकों तक फिल्में में काम किया. राज कुमार ने 70 से अधिक हिंदी फ़िल्मों में काम किया.
6- राज कुमार ने फिल्म 'दिल एक मंदिर' में एक कैंसर रोगी के रूप में अपनी भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता की श्रेणी में फिल्मफेयर पुरस्कार जीता.
7. राज कुमार और दिलीप कुमार ने 30 साल बाद फिल्म 'सौदागर' में स्क्रीन स्पेस साझा किया, हालांकि यह फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्होंने अपने दृश्यों को छोड़कर कभी भी एक-दूसरे से बात नहीं की.
8- फिल्म पाकीज़ा (1972) के लिए वह पहली पसंद नहीं थे. राजेंद्र कुमार सुनील दत्त और धर्मेंद्र को पहले इस फिल्म के लिए साइन किया गया ता.
9-अपने मुखर स्वभाव के लिए जाने जाने वाले राज कुमार ने प्रकाश मेहरा की ज़ंजीर में कथित तौर पर काम करने से मना कर दिया था क्योंकि उन्हें 'निर्देशक का चेहरा' पसंद नहीं था.
10- 3 जुलाई 1996 को 69 वर्ष की आयु में गले के कैंसर से उनकी मृत्यु हो गई.
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