फिल्म 'अंधाधुन' में शानदार अदाकारी से लोगों का दिल जीतने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने अपनी फिल्मों और प्रोजेक्ट्स को लेकर कई अहम खुलासे किए हैं. उनका कहना कि वह ऐसी फिल्में या प्रोजेक्ट्स नहीं करती जिसके किरदार, स्टोरी और नजरिए से वह सहमत नहीं होती हैं.


उन्होंने ये भी कहा कि कई एक्ट्रेस और एक्टर किसी भी तरह के काम करने को तैयार रहते हैं और यह कई बार परेशान करने वाला होता है. उन्होंने खुलासा किया फिल्म बदलापुर में एक बोल्ड सीन करने के बाद उन्हें सेक्स कॉमेडी जैसी फिल्मों के ऑफर आने शुरू हो गए. आप्टे ने कहा कि लोग मानते हैं कि मैं फिल्मों में इसी तरह के सीन करती हूं.


VIDEO: हैदराबाद गैंगरेप पर भड़कीं जया बच्चन, कहा- दोषियों की करवा दो पब्लिक में लिचिंग


राधिका आप्टे ने कहा कि वह कॉमेडी, सेक्स कॉमेडी और ऐसी कोई भी फिल्में नहीं करेंगी जो उनकी आइडोलॉजी से मिलती-जुलती नहीं है. उन्होंने कहा, "मैंने फिल्म बदलापुर में एक बोल्ड सीन किया जिसकी वजह से सेक्स कॉमेडी फिल्मों के ऑफर आए. शॉर्ट फिल्म 'अहल्या' का एक बोल्ड सीन देखने बाद वे कहते हैं कि तुम लगातार इस तरह किरदार कर रही हो. मैंने कहा कि तुम बताओ कहां किया? वे कहते हैं 'अहल्या' और 'बदलापुर' में. मैंने कहा कि ये आपकी समस्या है. मैं ऐसी कोई चीज नहीं करने वाली."


मनीषा कोइराला की कैंसर के वक्त हो गई थी ऐसी हालत, पहली बार शेयर की ये तस्वीर





राधिका आप्टे ने कहा कि उन्हें कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. इसे लेकर उन्होंने कहा कि वह नहीं जानती थी कि उनके करियर के लिए यह ठीक होगा की नहीं. उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि प्रोगेसिव होने के नाम पर लोग कुछ भी लिखते हैं. पुरुषों से नफरत करना प्रोगेसिव होना नहीं है. फिल्में एक कहानी बताने वाला माध्यम है, लेकिन बतौर डायरेक्टर और राइटर आप कुछ भी नहीं कर सकते. मेरे लिए आपका नजरिया और स्टोरी बहुत महत्वपूर्ण है. मैं एक पुरुष से नफरत कर सकती हूं लेकिन मेरे नजरिए से. आप क्या दिखाते हैं ये बहुत महत्वपूर्ण है. अगर मैं किसी मेकर के नजरिए और स्टोरी से सहमत नहीं हूं, तो मुझे वो फिल्में नहीं मिलती."


शूटिंग से वक्त निकालकर गोल्डन टेंपल मत्था टेकने पहुंची करीना, सामने आईं ये खूबसूरत तस्वीरें


राधिका आप्टे ने एक उदारहरण देते हुए कहा, "एक महिला के बदले पर आधारित फिल्म थी जिसमें महिला के साथ जघन्य बलात्कार और बहुत कुछ होता है. तो उसे वैसा करने की जरूरत होती है, जैसा पुरुष ने महिला के साथ किया. तब मैंने कहा कि इस फिल्म के एंड में कुछ और भी होना चाहिए. मतलब महिला एक पुरुष की तरह है. मैंने कहा कि महिलाएं पुरुष की तरह नहीं बनना चाहती. क्योंकि वे कहते हैं कि ये महिलाओं पर आधारित फिल्म है. हम लोग महिलाओं की समानता के लिए बात करते हैं. कई मौकों पर मैंने देखा है, वे ऐसा नहीं करते हैं. मुझे लगता है कि मैं कई लोगों से सहमत नहीं हूं." उन्होंने कहा कि डायरेक्टर और उनके बीच ऐसा कई बार हुआ है. एक महिला के तौर पर फिल्मों ने कई बार उन्हें विचलित किया है.