पचंम दा के इस गीतकार के गीतों पर धुन बनाने में छूट जाते थे पसीने, नाराज़ हो कर कही थी ये बात
Rahul Dev Burman: आरडी बर्मन यानि पंचम दा को भारतीय सिनेमा का जीनियस संगीतकार माना जाता है. लेकिन एक गीतकार के गीतों पर धुन बनाने में पंचम को भी पसीने आ जाते थे. पचंम दा की इस गीतकार के साथ गहरी दोस्ती थी.
Rd Burman Birth Anniversary: पचंम दा का आज जन्मदिन है. देश भर में उनके करोड़ों प्रशंसक है. हिन्दुस्तान में आरडी बर्मन को जो सम्मान और ओहदा प्राप्त है वह अभी तक किसी भी संगीतकार को नहीं मिला है. उनकी लोकप्रियता आज भी उतनी ही है जितनी 70 और 80 के दशक में थी. पचंम दा ने संगीत में एक नहीं बल्कि अनगिनत प्रयोग किए जो आज भी दिग्गज से दिग्गज संगीतकारों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर देते हैं. पंचम दा को इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्रीज का ट्रेंड सेटर कहा जाता है.
मशहूर संगीतकार वनराज भटिया ने पंचम दा की इस विलक्षण प्रतिभा से प्रभावित होकर एक बार कहा था कि पंचम जीनियस संगीतकार हैं. पचंम दा की सबसे खास बात ये थी कि वे पश्चिम और भारतीय संगीत का ऐसा कॉकटेल तैयार करते थे कि सुनने वाले को मदहोश कर देता था. पचंम दा स्वयं भी सरोद, तबला के महीर थे, लेकिन उन्हें माउथ ऑर्गन बजाना सबसे अधिक पसंद था.
60 से लेकर 90 के दशक तक पंचम दा सक्रिय रहे. इस दौर के जितने भी गीतकार हुए लगभग लगभग सभी के साथ पंचम ने काम किया लेकिन इनमें से गुलजार ऐसे गीतकार थे जिनके साथ पचंम दा को सबसे अधिक मजा आता था. इसका कारण ये बिल्कूल भी नहीं था कि गुलजार सरल और सीधे गाने लिखा करते थे.
पंचम दा की गीतकार गुलजार से गहरी दोस्ती थी. उनके गीत लिखने के तरीको को पंचम दा हमेशा चुनौती के तौर पर लिया करते थे. एक बार गीतकार गुलजार अपनी फिल्म 'इजाज़त' का गीत ‘मेरा कुछ सामान’ का गीत लिखकर पंचम दा के पास पहुंचे और कहा कि पंचम इस गीत पर धुन बनाएं. पूरा गीत पढ़ने के बाद पंचम दा ने गुलजार की तरफ देखा और कहा कि ''कल को न्यूज पेपर की हेडिंग लेकर आ जाओगे, और कहोगे धुन बना दो. ऐसा नहीं होता है.'' बाद में आरडी बर्मन ने इस गीत की धुन बनाई और इस गीत के लिए आशा भोंसले को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
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