चेन्नई: तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी जैसा ‘‘करिश्माई’’ नेता बताते हुये लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत का श्रेय उनके नेतृत्व को दिया. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी की करारी हार के बाद इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि वह युवा हैं और शायद उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का सहयोग नहीं मिला.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकसभा चुनावों में जीत एकल नेतृत्व की जीत है और वह है मोदी. यह जीत एक करिश्माई नेता की जीत है.’’
इस वरिष्ठ सिने कलाकार ने भारत के ऊंचे कद के नेताओं जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, के कामराज, सीएन अन्नादुरै, एमजी रामचंद्रन, एम करूणानिधि और जे जयललिता की श्रेणी में मोदी को रखते हुये कहा, ‘‘उनके बाद (देश को) मोदी मिले, एक करिश्माई नेता. अगर आप तमिलनाडु में देखें तो यहां कामराज, अन्ना, कलैनार, एमजीआर, जयललिता जैसे नेता हुये हैं. इसी तर्ज पर यह जीत मोदी के नेतृत्व से हासिल हुई है.’’
उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु और केरल में ‘मोदी विरोधी’ लहर के कारण भाजपा को हार का सामना करना पड़ा जबकि देश के बाकी इलाकों में मोदी के समर्थन की हवा बह रही थी.
उन्होंने कहा, ‘‘जब एक राजनीतिक लहर होती है, तो कोई उसके खिलाफ नहीं तैर सकता और वह बह जायेगा.’’
इस सुपरस्टार ने कहा कि तमिलनाडु में तूतीकोरिन के स्टरलाइट मामले, कावेरी मुहाने में मीथेन गैस निकासी परियोजना और विपक्षी दलों के ‘‘बड़े स्तर प्रचार’’ के कारण भाजपा को हार का सामना करना पड़ा.
उन्होंने राहुल गांधी के इस्तीफे देने के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ उन्हें त्यागपत्र नहीं देना चाहिये.’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह नहीं कहता कि उनमें नेतृत्व के गुण नहीं हैं. मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी का संभालना वाकई मुश्किल काम है जहां वरिष्ठ लोग हों.’’
तमिल सुपरस्टार ने कहा कि गांधी को त्यागपत्र देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि लोकतंत्र में विपक्ष दल भी महत्वपूर्ण होता है.