चेन्नईः देश के सबसे बड़े सुपरस्टार रजनीकांत अब बहुत जल्द राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए बताया कि वह 31 दिसंबर को अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने वाले हैं. रजनीकांत के राजनीति में आने की चर्चा काफी दिनों से है. दरअसल, तमिलनाडु में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं. रजनीकांत इसे 'आध्यात्मिक राजनीति' और 'बदलाव की राजनीति' करने का मंत्र बता रहे हैं.
तमिलनाडु में यदि ‘आध्यात्मिक राजनीति’ के साथ-साथ ‘सब कुछ बदलने’ का राजनीतिक मंत्र काम कर जाता है तो रजनीकांत अन्नाद्रमुक के संस्थापक एम जी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर और पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के बाद राज्य में राजनीतिक सफलता का स्वाद चखने वाले रुपहले पर्दे के तीसरे स्टार बन जाएंगे.
राजनीति में उनका करिश्मा चलेगा या नहीं, यह कुछ हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि वह लोगों के बीच अपनी आध्यात्मिक राजनीति और बदलाव के मंत्र के अलावा अन्य कारकों को कैसे रखेंगे. तमिलनाडु में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. अभिनेता के अनुसार आध्यात्मिक राजनीति ईमानदारी, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति है जो सुशासन प्रदान करने के लिए जाति और धर्म की बाधाओं को पार करती है.
एमजीआर के फैन है रजनीकांत
अपने आप को दिवंगत एमजीआर का बहुत बड़ा फैन कहने वाले रजनीकांत ने गरीब और आम आदमी के लाभ के लिए एक अच्छे प्रशासन का आश्वासन देने के लिए उनकी विरासत का आह्वान किया है. वर्ष 1972 में अन्नाद्रमुक की स्थापना करने से पहले एमजीआर द्रमुक के साथ थे और राजनीति में भी सक्रिय थे. अभिनेता की चुनावी संभावनाओं पर राजनीतिक विश्लेषक सुमंत रमन ने कहा कि इस पर भविष्यवाणी करना बहुत जल्दबाजी होगा क्योंकि रजनीकांत को बहुत से सवालों के जवाब दिये जाने है.
कौन होंगे उम्मीदवार?
रमन ने हैरानी जताई, "सब कुछ बदलने का अर्थ क्या है? उनकी नीति और कार्यक्रम क्या है?" उन्होंने कहा कि अभिनेता को इस बात के बारे में विस्तार से बताना चाहिए कि वह उस बदलाव को कैसे आगे बढ़ायेंगे, जिसका उन्होंने वादा किया है. उन्होंने कहा कि बहुत सी बातें जैसे अगर उनकी पार्टी सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो उम्मीदवार कौन होंगे या चुनावी गठबंधन की कोई संभावना है या नहीं, इसके बारे में अभी नहीं पता है. उन्होंने कहा कि रजनीकांत को उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने के लिए विश्वसनीय चेहरों की एक बड़ी टीम की आवश्यकता भी होगी.
रजनीकांत से परेशान हुई डीएमके और एआईडीएमके
रमन ने कहा, "रजनीकांत प्रभावित करेंगे. लेकिन वास्तव में बड़ा प्रभाव छोड़ने के लिए इस तरह के सवालों के जवाब होने चाहिए. मैं देख सकता हूं कि अन्नाद्रमुक और द्रमुक दोनों ही उनकी राजनीतिक पारी से परेशान है." आध्यात्मिक राजनीति पर, उन्होंने कहा कि द्रमुक इसे घुमाने की कोशिश कर सकती है, लेकिन वह इसके बारे में ‘नकारात्मकता’ नहीं देखते है.
आध्यात्मिक राजनीति तोड़ेगी धर्म की बाधा
द्रविड़ विचारक वी एम एस सबगुनराजन, ने हालांकि इस पर सहमति नहीं जताई. उन्होंने कहा कि अभिनेता को तमिलनाडु में राजनीतिक आधार नहीं मिल सका है क्योंकि राज्य में न तो आध्यात्म और न ही राष्ट्रवादी राजनीति कभी सफल रही है. फिल्म समीक्षक और राजनीतिक विश्लेषक एम भारत कुमार ने कहा कि रजनीकांत ने कहा है कि उनकी आध्यात्मिक राजनीति सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार को प्रेरित करेगी और सभी बाधाओं को पार करने का प्रयास होगा.
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