नई दिल्ली: 14 साल की उम्र थी, नाम राजू था, सपना हीरो बनने का था. लेकिन पिता का सपना उन्हें सीए बनाने का था. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. किसे मालूम था कि यह बच्चा बड़ा होकर राजकुमार हिरानी बनेगा और भारतीय सिनेमा की दिशा को ही मोड़ देगा.


राजू से राजकुमार हिरानी बनने के लिए राजकुमार ने कड़ा संषर्घ किया. तपने के बाद के ही सोना कुंदन बनता है इस कहावत को राजुकमार ने सच साबित कर दिया. 20 नवंबर 1962 को नागपुर में पैदा हुए राजकुमार के इरादे मजबूत थे. राजकुमार हिरानी ने अपना फिल्मी कैरियर 1993 में शुरू किया. 26 साल के अपने फिल्मी कैरियर में उन्होंने पांच फिल्में ही बनाईं. लेकिन इन पांचों फिल्मों ने सिल्बर स्क्रीन पर जो कीर्तिमान स्थापित किए वे आज भी लोगों को हैरान करते हैं. इन्होंने जितनी भी फिल्में बनाईं वे सभी ब्लॉकबस्टर साबित हुईं.


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राजकुमार हिरानी बचपन में हीरो बनने का सपना देखते थे. पढ़ाई के दौरान ही उनकी दिलचस्पी थियेटर की तरफ हुई. कॉमर्स में स्नातक करने के बाद उन्हें किसी ने फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट पुणे में प्रवेश लेने की सलाह दी. राजकुमार ने इस संस्थान में दाखिला ले लिया. यहां पढ़ाई करने के दौरान ही इन्हें लगा कि वे हीरो बनने के लिए नहीं किसी और काम के लिए बने हैं. कोर्स में बदलाव करते हुए राजकुमार ने एडिटिंग की पढ़ाई शुरू कर दी. यहीं से उन्हें फिल्में बनाने की प्रेरणा मिली और फिर वे इसी दिशा में बढ़ते चले गए. एफटीआईआई से निकलने के बाद इन्होंने एड कंपनी खोली. अपने काम से जल्द ही वे विज्ञापन के क्षेत्र में लोकप्रिय हो गए. फेवीकॉल का चर्चित विज्ञापन बनाया, जिसमें वे स्वयं भी नजर आए थे.



(तस्वीर: आईफा)

इसके बाद फिल्मी सफर शुरू हुआ. 1994 में '1942 ए लव स्टोरी', और 1998 में 'करीब' के प्रोमो बनाने की जिम्मेदारी इन्हें मिली. वर्ष 2000 में 'मिशन कश्मीर' और 2001 में फिल्म 'तेरे लिए' की लिए एडिटिंग की. उनके इस काम भी खूब सराहना हुई.


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विज्ञापन के क्षेत्र में सफल होने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ गया और फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में उतरने की ठान ली. साल था 2003 का. ये वही साल था जब राजकुमार की फिल्म 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' ने पूरे देश में धूम मचा दी. यह इनकी पहली फिल्म थी. यह फिल्म जबरदस्त हिट हुई. अपनी पहली ही फिल्म से ही राजकुमार बड़े निर्देशक बन गए. इस फिल्म को कई अवॉर्ड मिले. इसके तीन साल बाद 2006 में राजकुमार हिरानी फिल्म 'लगे रहो मुन्नाभाई' लेकर आए. इस फिल्म ने भी कीर्तिमान रच दिए. संजय दत्त के कैरियर को नई दिशा देने में राजकुमार हिरानी का बड़ा योगदान है. फिर तीन साल का ब्रेक लेने के बाद राजकुमार हिरानी की 2009 में फिल्म 'थ्री इडियट्स' आई. इस फिल्म को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब वाहवाही मिली. यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई. इसने कमाई के भी सारे रिकार्ड तोड़ दिए. इसके बाद वर्ष 2014 में फिल्म 'पीके' बनाई इस फिल्म ने भी कई रिकार्ड बनाए. इसके बाद संजय दत्त पर बायोपिक फिल्म संजू का निर्माण किया. यह फिल्म भी सफल रही.


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महज 5 फिल्में बनाने वाले राजकुमार हिरानी को अब तक कुल 11 फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुके हैं. इसके अलावा चार नेशनल अवॉर्ड भी ये अपने नाम कर चुके हैं. हाल ही में इन्होने गांधी जी पर एक शॉर्ट स्टोरी का निर्माण किया है जिसमें बॉलीवुड के प्रमुख कलाकारों ने भाग लिया है. राजकुमार हिरानी की फिल्में शुद्ध भारतीय फिल्में कहीं जाती हैं जिसमें मनोरंजन के साथ साथ एक संदेश भी होता है. राजकुमार हिरानी वी शांताराम और ऋषिकेश मुखर्जी की परंपरा को बढ़ाने वाले फिल्म निर्देशक हैं.